सरकारी बंगले को निजी संपत्ति मानते हैं नेता

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    दिल्ली में नेताओं को उतने समय के लिए सरकारी बंगला दिया जाता है जब तक कि वे सांसद हैं. चुनाव हार जाने या निधन के बाद उस बंगले पर सांसद या उनके परिजन का कोई हक नहीं रहता. यदि हर पूर्व सांसद या उसके घर के लोग बंगले पर कब्जा करके बैठ जाएं तो नए सांसद कहां रहेंगे. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद 12, जनपथ बंगले में उनके बेटे चिराग पासवान अपनी मां के साथ रह रहे हैं.

    इतना ही नहीं चिराग ने इस बंगले को स्मारक बनाने के लिए रामविलास पासवान स्मृति बोर्ड टांग दिया और वहां उनकी मूर्ति भी लगवा दी. आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने बंगला खाली करने का नोटिस दिया जिसकी चिराग पासवान अवहेलना कर रहे हैं. बंगलों की कमी देखते हुए 2014 में केंद्र ने स्मृति भवन बनाए जाने पर रोक लगा दी लेकिन सिर्फ चिराग पासवान ही नहीं कई नेता बंगलों पर कब्जा जमाए हुए हैं. ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पद से हटते ही अपना सरकारी निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट खाली कर देता है. अमेरिका का राष्ट्रपति भी कार्यकाल समाप्ति के कुछ पहले ही नए राष्ट्रपति के लिए व्हाइट हाउस खाली कर देता है लेकिन भारत के कुछ सांसदों की मानसिकता ही अलग है.