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नई दिल्ली: एशिया कप 2023 का (Asia Cup 2023) ऐलान हो गया है। यह कप 31 अगस्त से 17 सितंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा। एशिया कप में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमों में आमना सामना होंंगा। इन टीमों में कुल 13 एकदिवसीय मैचों में खेले जायेंगे। 

एसीसी ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि एशिया कप 2023 31 अगस्त से 17 सितंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा और भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की कुलीन टीमों को कुल 13 रोमांचक एकदिवसीय मैचों में प्रतिस्पर्धा करते हुए देखेंगे। मेल खाता है,”

एसीसी ने कहा, “टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में होस्ट किया जाएगा, जिसमें चार मैच पाकिस्तान में होंगे और बाकी के नौ मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे।” एशिया कप 2023 में दो ग्रुप होंगे। इन ग्रुपों में से दो टीमें सुपर फोर चरण के लिए क्वालीफाई करेंगी। वहीं, सुपर फोर चरण की टॉप की दो टीमें फाइनल में आमने सामने होंगी। पाकिस्तान में मैच लाहौर में होंगे जबकि श्रीलंका में कैंडी और पल्लेकेले में मैच होंगे । 

एशिया कप के कार्यक्रम को मंजूरी मिलने के साथ ही अक्टूबर नवंबर में वनडे विश्व कप में पाकिस्तान टीम का भारत आना भी तय हो गया । दोनों टीमें अहमदाबाद में 15 अक्टूबर को लीग चरण में खेल सकती हैं। समझा जाता है कि आईसीसी के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस और चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने पिछले महीने कराची में पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी से मुलाकात की जिसके बाद यह तय किया गया कि पाकिस्तान विश्व कप में भाग लेने के लिये कोई शर्त नहीं रखेगा अगर उसे एशिया कप के चार मैच अपने देश में कराने दिये जायें चूंकि मेजबानी अधिकार उसके पास है।  पाकिस्तान के बिना टूर्नामेंट खेलने से प्रसारक एसीसी को आधा ही पैसा देते क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच दो मैच तो तय थे और फाइनल में पहुंचने पर तीसरा भी हो जाता । 

पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी ने कहा ,‘‘ मुझे खुशी है कि हाइब्रिड मॉडल का हमारा प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया । इसके मायने हैं कि पीसीबी टूर्नामेंट का मेजबान रहेगा और पाकिस्तान में मैच होंगे । तटस्थ मैच श्रीलंका में होगे क्योंकि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आ सकती ।” उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे क्रिकेटप्रेमियों को खुशी होती अगर भारतीय टीम 15 साल बाद पाकिस्तान आती लेकिन हम बीसीसीआई की स्थिति समझते हैं । पीसीबी की तरह बीसीसीआई को भी सरकार से मंजूरी लेनी होती है ।”