ishan kishan
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    नयी दिल्ली: एक समय पांच दिन के टेस्ट मैच में शतक बनाना ही अपने आप में बड़ी बात हुआ करती थी और पूरे दिन की बल्लेबाजी के बाद सैकड़ों गेंद खेलकर बल्लेबाज शतक बनाते थे। आज यह आलम है कि एकदिवसीय क्रिकेट और टी20 में भी ढेरों शतकवीर हैं और बल्लेबाजों में अब कम से कम गेंदों में ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की होड़ लगी है। इस श्रृंखला में ताजा नाम ईशान किशन (Ishan Kishan) का है, जिन्होंने बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के तीसरे मैच में केवल 126 गेंद में सबसे तेज दोहरा शतक लगाकर विश्व क्रिकेट के कई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है।

    ईशान किशन (Ishan Kishan) ने बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के खिलाफ चटगांव में खेले गए इस एक दिवसीय मैच में कुल 210 रन बनाए। उन्होंने सबसे तेज दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज क्रिस गेल से छीनकर अपने नाम किया। गेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैनबरा में खेले गए मुकाबले में 138 गेंद खेलकर दोहरे शतक का जादुई आंकड़ा पार किया था। यहां यह जान लेना दिलचस्प होगा कि इस पारी से पहले एकदिवसीय क्रिकेट में ईशान किशन ने कोई शतक नहीं बनाया था। उन्होंने 2021 में 18 जुलाई को अपनी सालगिरह के दिन श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला और छक्के के साथ अपनी धमाकेदार अर्द्धशतकीय पारी की शुरुआत की।

    पिछले 20 बरस में वह ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज हैं। इससे पहले मार्च 2021 में ईशान किशन ने अपने पहले टी20 मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतक बनाया था। इस तरह एकदिवसीय क्रिकेट और टी20 में अपने पहले मैच में अर्धशतक जमाने वाले वह दुनिया के दूसरे और भारत के पहले बल्लेबाज बने। इंडियन प्रीमियर लीग ने देश के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है। ईशान किशन ने 2016 में 18 साल की उम्र में गुजरात लायंस के साथ अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की और अगले साल भी इसी टीम के साथ खेले।

    2018 में ईशान मुंबई इंडियंस के साथ जुड़ गए और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ एक मुकाबले में मात्र 17 गेंद पर अर्धशतक बनाकर अपने आने वाले दिनों के प्रदर्शन की एक बानगी पेश की। इसी तरह के धमाकेदार प्रदर्शन का नतीजा है कि इस बार ईशान किशन का बेस प्राइज दो करोड़ था और मुंबई इंडियंस ने उन्हें अनुबंधित करने के लिए सवा 15 करोड़ रुपये अदा किए। ईशान का जन्म 18 जुलाई 1998 को पटना में हुआ था। उनके बड़े भाई राजकिशन को क्रिकेट खेलता देखकर वह भी बल्ला चलाने लगे।

    बिहार से भारतीय क्रिकेट टीम तक का सफर तय करने में ईशान को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। छोटे ही थे कि उनके कोच उत्तम मजूमदार ने उन्हें राजकिशन के साथ खेलते हुए देखा। मजूमदार को बाएं हाथ के ईशान में कुछ खास नजर आया और उन्होंने उनके पिता प्रणव पांडे से अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करते रहने की सलाह दी। उन्हें क्रिकेट की बेहतर कोचिंग मिल सके इसलिए उनका परिवार पटना से रांची चला गया। उनकी मां हालांकि इसके लिए तैयार नहीं थीं, लेकिन कोच की सलाह पर उनके पिता ने यह फैसला किया। उस समय ईशान की उम्र मात्र 12 बरस थी। अगले कुछ बरस ईशान की प्रतिभा को संवारने में गुजरे।

    रांची में ईशान जिला स्तर पर खेलने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की टीम में चुने गए। 15 साल की उम्र में वह झारखंड की रणजी टीम में चुन लिए गए और उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 2016 में अंडर-19 विश्व कप टीम का कप्तान बनाया गया। उसके बाद की उनकी उपलब्धियां क्रिकेट की रिकॉर्ड पुस्तिकाओं का हिस्सा हैं। ईशान किशन का क्रिकेट करियर मेहनत, लगन और किस्मत की एक सुनहरी कहानी है। उम्मीद है कि आने वाले वक्त में यह खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मील के कई पत्थर स्थापित करेगा। (एजेंसी)