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    नई दिल्ली: क्रिकेट (Cricket) के मैदान पर अक्सर देखने को मिलता है कि, कई बार बल्लेबाज गेंदबाजों के कारण चोटिल हो जाते है। जब कोई गेंदबाज बल्लेबाज के शरीर पर गेंद डालने लगते हैं। वो भी बाउंसर, तब इस अटैक को बॉडीलाइन (Bodyline) कहते है। इस दौरान बल्लेबाज को चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इस तरह की गेंदबाजी को लेकर सख्त कदम उठाए गए। 

    बता दें कि, इस बॉडीलाइन अटैक की शुरुआत एशेज सीरीज से हुई थी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया (England vs Australia) के बीच 1933 में एशेज सीरीज खेली गई थी। इस सीरीज में बॉडीलाइन अटैक के कारण बल्लेबाजों को गंभीर चोटें लगी थीं। आज ही के दिन 14 जनवरी को एडिलेड ओवल में कुछ ऐसा हुआ था, जिससे हर कोई सदमे में आ गया था। 

    इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया (England vs Australia) के बीच एशेज सीरीज (The Ashes) का तीसरा टेस्ट मैच 13 जनवरी से एडिलेड ओवल में शुरू हुआ था। इस मैच में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने कंगारू खिलाड़ियों के खिलाफ बॉडीलाइन अटैक गेंदबाजी की थी। तीसरे मैच के पहले दिन इंग्लैंड ने बल्लेबाजी की थी और दिन का ख़त्म होते तक सात विकेट के नुकसान पर 236 रन बनाए थे। दूसरे दिन इंग्लैंड की टीम 341 रनों पर ढेर हो गई। 

    इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम बल्लेबाजी करने उतरी। जैक फिंगलेटन और कप्तान बिल वुडफुल ने पारी की शुरुआत की। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को रोकने के लिए इंग्लैंड ने बॉडीलाइन गेंदबाजी करने की रणनीति अपनाई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान बिल इसी बॉडीलाइन गेंदबाजी का शिकार बन गए। इंग्लैंड के गेंदबाज हार्लोड लारवुड ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के की छाती पर गेंद मारी। ओवर की पांचवीं गेंद पर बिल की छाती पर ये गेंद लगी। तेज रफ़्तार गेंद लगने के बाद बिल ने अपना बल्ला छोड़ दिया और वह दर्द से कराहने लगे।

    इंग्लैंड के गेंदबाज भी यह सब देखकर डर गए और सभी लोग बिल की तरफ भागने लगे। इंग्लैंड के गेंदबाज गबी एलन उनके लिए पानी लेकर आए। इस बीच 50,000 से ज्यादा दर्शक जो उस समय मैदान पर मौजूद थे। हालांकि, कुछ समय बाद बिल कड़े हो गए थे। उन्होंने पहली पारी में 22 रन बनाए थे। 

    ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 222 रन ही बना पाई। वहीं, इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 412 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 532 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि, कंगारू टीम दूसरी पारी में 193 रन बना पाई। विल ने दूसरी पारी में नाबाद 73 रन बनाए। इंग्लैंड ने ये मैच 338 रनों के विशाल अंतर से जीता था।