Nikhat Zareen
ANI Photo

    Loading

    नयी दिल्ली. विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत जरीन की नजरें अब 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने पर हैं। जरीन ने 19 मई को इस्तांबुल में आयोजित महिला विश्व चैम्पियनशिप के 52 किग्रा के फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास पर 5-0 की आसान जीत दर्ज की। वह विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय मुक्केबाज हैं।

    जरीन ने मंगलवार को यहां भारतीय खेल प्राधिकरण और राष्ट्रीय महासंघ (बीएफआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कहा, “मुझे खुशी है कि मैंने देश के लिए विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। मैं भविष्य में और अधिक मेहनत करना चाहूंगी और भारत के लिए पदक जीतती रहूंगी।”

    एशियाई चैम्पियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता जरीन ने कहा, “ओलंपिक मेरा अंतिम लक्ष्य है लेकिन वहां सफलता हासिल करने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि मुझे पता है कि ओलंपिक कितनी बड़ी प्रतियोगिता है। मैंने अब तक जितनी मेहनत की है, उससे दोगुना मेहनत करनी होगी।”

    उन्होंने कहा, “अब मुझ पर अधिक जिम्मेदारी है।” महिला जूनियर एवं युवा विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2011 में स्वर्ण पदक जीतने वाली जरीन को कई बार मैरीकोम के लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिले।

    उन्होंने कहा, “मुक्केबाजी में मेरी अब तक की यात्रा अच्छी रही है। यह आसान नहीं रहा है क्योंकि मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन इस उतार -चढ़ाव से मैं आज जहां हूं वहां पहुंचने के लिए काफी प्रेरणा मिली है।”

    इस कार्यक्रम के दौरान बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने जरीन को उनके भविष्य के लक्ष्यों की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “मैं निकहत से विशेष प्रतिबद्धता चाहता हूं। आज वह यहां विश्व चैंपियन के रूप में खड़ी हैं लेकिन अगली बार उन्हें यहां ओलंपिक चैंपियन के रूप में खड़ा होना चाहिए।”

    इस कार्यक्रम में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और साइ के महानिदेशक संदीप प्रधान भी मौजूद थे। ठाकुर ने भारतीय मुक्केबाजों के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। (एजेंसी)