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नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को कहा कि उसने बिहार नकली शराब त्रासदी (Bihar fake liquor tragedy) के आरोपी, उसके परिवार और सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि आरोपी संजय प्रताप सिंह (Sanjay Pratap Singh), उसकी पत्नी किरण देवी और सहयोगी श्रीकुमार सिंह के खिलाफ 2012 के एक मामले में पटना की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इस घटना में भोजपुर जिले (Bhojpur district) के आरा और नवादा कस्बों में नकली शराब के सेवन से 21 लोगों की मौत हो गयी थी।

धनशोधन रोकथाम कानून (Prevention of Money Laundering Act) के अनेक प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इसमें आरोपियों को सजा देने और कुल 1.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की प्रार्थना की गयी है। ईडी ने कहा, ‘‘कुर्क की गयी जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए, उनमें 15 भूखंड, दो भूखंडों पर आरोपी संजय प्रताप सिंह और सहयोगियों के नाम पर किये गये निर्माण कार्य , आरोपी और उसकी गैर – पंजीकृत कंपनी मां कंस्ट्रक्शन के नाम पर बैंक में जमा राशि शामिल हैं। ”

ईडी ने कहा कि भोजपुर की एक अदालत ने 2018 में संजय प्रताप सिंह समेत 14 लोगों को नकली शराब के सेवन से लोगों की मौत के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें 25-25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी। ईडी ने कहा, ‘‘संजय प्रताप सिंह ने देसी शराब के अवैध कारोबार के अपराध से अर्जित धन को अपने नाम पर और अपनी पत्नी के नाम पर अचल संपत्तियां जुटाने में लगाया। सिंह की पत्नी का कोई अलग आय का स्रोत नहीं था।” ईडी ने दावा किया, ‘‘संजय प्रताप सिंह ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के इरादे से 2011 में एक गैर-पंजीकृत कंपनी ‘भोजपुर वाइन ट्रेडर्स’ बनाई थी।”(एजेंसी)