
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार और राकेश अस्थाआ से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा जिसमें गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी गयी है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सदरे आलम की याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख तय की।
एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की ओर से पेश होते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आलम की याचिका दुर्भावनापूर्ण और उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका की ‘‘पूरी तरह नकल” है। इस एनजीओ ने अस्थाना की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जनहित याचिका का विरोध किया और गुण-दोष के आधार पर उसका जवाब देने के लिए वक्त मांगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उच्च न्यायालय के समक्ष मौजूदा याचिका की उस याचिका से नकल की गयी है जो उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
Delhi High Court issues notice to Centre on petitions challenging appointment of Rakesh Asthana as Delhi Police commissioner; next date of hearing on Sept 8 pic.twitter.com/hbaFQQxpZq
— ANI (@ANI) September 1, 2021
उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में आलम ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के गृह मंत्रालय के 27 जुलाई के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने अंतर कैडर नियुक्ति और उनके सेवा विस्तार की अनुमति देने वाले आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया। वकील बी एस बग्गा के जरिए दायर याचिका में उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार दिल्ली पुलिस आयुक्त की नियुक्ति के लिए कदम उठाने का भी अनुरोध किया गया है।
उच्चतम न्यायालय में दायर ऐसी ही एक याचिका में सीपीआईएल ने केंद्र सरकार को 27 जुलाई का आदेश दिखाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिसमें गुजरात कैडर से अस्थाना की एजीएमयूटी कैडर में नियुक्ति को मंजूरी दी गयी है। याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से अस्थाना की सेवा अवधि के विस्तार का केंद्र का आदेश भी रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने 25 अगस्त को उच्च न्यायालय को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के खिलाफ लंबित याचिका पर दो हफ्तों के भीतर फैसला करने को कहा था। (एजेंसी)