नयी दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित कुछ रिकॉर्ड एकत्रित करने के लिए शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ऑफिस पहुंची। सीबीआई ने यहां से एक कंप्यूटर अपने कब्जे में ले लिया है। सीबीआई के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा, सीबीआई दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चल रही जांच के तहत उनके ऑफिस से एक कंप्यूटर ले गई है। उन पर कोई छापेमारी नहीं हुई है।
CBI has taken a computer from Delhi Deputy CM Manish Sisodiya’s office as part of ongoing investigations against him. There has been no raid on him: CBI sources
— ANI (@ANI) January 14, 2023
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की टीम दिल्ली सचिवालय में सिसोदिया के ऑफिस में “छापेमारी” कर रही है, लेकिन एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने दस्तावेज एकत्रित करने के लिए परिसर का “दौरा” किया और कोई “छापा या तलाशी” नहीं की जा रही है।
सिसोदिया ने ट्वीट करके दावा किया कि एजेंसी को पिछली छापेमारी के दौरान उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला था और इस बार भी ऐसा ही होगा क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। सिसोदिया ने ट्वीट किया, “आज फिर सीबीआई मेरे दफ़्तर पहुंची है। उनका स्वागत है। इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ़्तर में छापा मारा, लॉकर तलाशे, मेरे गांव तक में छानबीन करा ली। मेरे ख़िलाफ़ न कुछ मिला है, न मिलेगा क्योंकि मैंने कुछ ग़लत किया ही नहीं है। दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए ईमानदारी से काम किया है।
एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि “सीबीआई द्वारा उपमुख्यमंत्री के ऑफिस में कोई तलाशी या छापेमारी नहीं की जा रही है।” उन्होंने कहा कि हो सकता है कि टीम आबकारी नीति मामले में कुछ रिकॉर्ड इकट्ठा करने या स्पष्टीकरण मांगने गई हो। आम आदमी पार्टी ने सीबीआई के उन दावों को खारिज किया कि उसके अधिकारी सिसोदिया के ऑफिस में कुछ रिकॉर्ड लेने गए हैं और यह छापेमारी नहीं है।
पार्टी ने कहा, “अगर छापे नहीं हैं तो क्या सीबीआई के अधिकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ऑफिस में चाय नाश्ता करने गए हैं। सीबीआई को बताना चाहिए कि उसे छापे में क्या मिला।”
कथित आबकारी घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश पिछले साल दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने की थी। एजेंसी ने सिसोदिया समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया के सरकारी आवास पर छापेमारी के अलावा उनसे कई घंटों तक पूछताछ भी की थी।
एजेंसी ने पिछले साल 25 नवंबर को सात आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। उसमें सिसोदिया का नाम नहीं था। अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने आप के वरिष्ठ नेता सिसोदिया और प्राथमिकी में नामजद अन्य व्यक्तियों की कथित भूमिका की जांच को खुला रखा है। आरोपपत्र में नामजद सात आरोपियों में गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं। आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की नीति कुछ कारोबारियों के पक्ष में प्रभावित थी, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी। इस आरोप का आप ने खंडन किया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)