नई दिल्ली: अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीते सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से पूछा कि उसके सांसदों ने पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी के लिए क्या किया है। पार्टी ने उन्हें इस बारे में श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दी। दरअसल दिल्ली की सात लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवारों ने चुनाव जीतने पर सोमवार को अपनी 100 दिन की ‘प्राथमिकताएं’ गिनाईं, जिनमें स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में सुधार की प्राथमिकता भी शामिल है।
इस बाबत दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “पिछले 10 वर्षों में सांसद कहां थे जब दिल्ली में उनकी जरूरत थी? उन्हें दिल्लीवासियों के सामने एक श्वेत पत्र पेश करना चाहिए।” इस बाबत दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि, आश्चर्य की बात है कि दिल्ली में BJP के सात सांसद 2014 में चुने गए और सात 2019 में चुने गए। बीजेपी की सरकार केंद्र में है, फिर भी वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में क्या किया है। हालांकि, वे आने वाले 100 दिनों के लिए वादे कर रहे हैं। यह लोगों को बेवकूफ बनाने का एक प्रयास है। जब भी दिल्ली के लोगों को उनकी (सांसदों) जरूरत पड़ी, वे उपलब्ध नहीं थे।
#WATCH | Delhi Minister Saurabh Bharadwaj says, “Surprisingly, seven BJP MPs in Delhi were elected in 2014 and seven were elected in 2019. The BJP government is at the Centre, yet they are unable to tell what they have done in the last 10 years…However, they are making promises… pic.twitter.com/kaTLis5SuR
— ANI (@ANI) March 19, 2024
इस पर BJP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भारद्वाज पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा से सवाल पूछने के बजाय, ‘आप’ नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अरविंद केजरीवाल की “भ्रष्टाचार गाथा उजागर” किए जाने पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी और एक अन्य नेता सत्येन्द्र जैन को उच्चतम न्यायालय ने तिहाड़ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है, तब ‘आप’ नेताओं को BJP के खिलाफ बेशर्मी से संवाददाता सम्मेलन करते देखना चौंकाने वाला है।”
भारद्वाज ने BJP सांसदों से सात सवाल पूछे। BJP ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी को छोड़कर सभी मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया है। भारद्वाज ने पूछा, “2017-18 में, कई दुकान सील कर दी गईं और व्यवसाय बंद कर दिए गए। डिफेंस कॉलोनी में, एक बूढ़े व्यक्ति का वीडियो सामने आया, जो एमसीडी से अपनी दुकान सील न करने की गुहार लगा रहे थे।”
उन्होंने कहा, “BJP शासित एमसीडी और डीडीए ने लोगों को नौकरी से निकाल दिया। चाहे डिफेंस कॉलोनी हो, जीके-आई, जीके-टू या राजिंदर नगर, पूरी दिल्ली में जगहों को सील कर दिया गया। उस समय सांसदों ने क्या किया?” दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि डीडीए और भूमि एवं विकास कार्यालय दिल्ली में तोड़फोड़ कर रहे हैं। ‘आप’ नेता ने कहा, “पिछले डेढ़ साल में 1।5 लाख लोग बेघर हो गए। क्या उनका कोई सांसद बुलडोजर के सामने खड़ा हुआ? क्या वे तोड़फोड़ रोकने आए थे?” भारद्वाज ने शहर में यातायात की स्थिति में सुधार के भाजपा के लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों के वादे पर भी सवाल उठाया और यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी आलोचना की।
इतना ही नहीं ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “उन्होंने क्या किया? दिल्ली यातायात पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। आज हालत ऐसी है कि नए साल की पूर्व संध्या पर कंझावला में एक महिला को 20 किलोमीटर तक घसीटा गया। उस समय भाजपा सांसद कहां थे?” उन्होंने कहा,”बलात्कार और हत्याएं हमेशा खबरों में रहती हैं। ग्रेटर कैलाश और सीआर पार्क में मादक पदार्थ बेचे जा रहे हैं। हर कोई उनके बारे में बात करता है। पुलिस क्या कर रही है?”
मंत्री भारद्वाज ने कोरोना की दूसरी लहर को याद किया जब ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली में कई लोगों की मौतें हुई थी। उन्होंने कहा, “जब ऑक्सीजन की कमी थी, तो क्या उन्हें केंद्र से ऑक्सीजन मिली? उस समय सांसद नहीं मिले।” इस पर सचदेवा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘आप’ के सभी विधायक और उसके सांसद उस समय गायब थे, जब कोरोना के चलते स्थिति सबसे खराब थी जबकि BJP पा के सात लोकसभा सांसद लोगों के बीच जाकर उनकी मदद कर रहे थे। उन्होंने कहा, “बेहतर होगा कि टीम केजरीवाल संवाददाता सम्मेलन के जरिए लोगों को गुमराह करने के बजाय उनकी सेवा करना सीखे।