नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में यमुना को लेकर विवाद अक्सर उठता रहता है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार में बीजेपी ने यमुना सफाई (Yamuna cleaning) को लेकर कई बड़े आरोप लगाए हैं। एक बार फिर आज बीजेपी के विधायक दिल्ली विधासनभा (Delhi Vidhansabha) में यमुना की सफाई का मुद्दा उठाएंगे। भाजपा विधायक यमुना नदी से विधानसभा तक पानी लेकर जाते हैं और नदी में प्रदूषण का विरोध करते हैं।
एलओपी आरएस बिधूड़ी कहते हैं कि हम इस मुद्दे को आज विधानसभा में उठाएंगे। केंद्र ने यमुना की सफाई के लिए आप सरकार को 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए। यह कहां गया? मुझे लगता है कि यह भ्रष्टाचार का शिकार हो गया।
Delhi | BJP MLAs carry water from river Yamuna to Assembly & protest against pollution in the river.
"We'll raise this issue in Assembly today.Centre allotted Rs 2,500 Cr to AAP Govt for cleaning of Yamuna. Where did it go?I think it fell prey to corruption," says LoP RS Bidhuri pic.twitter.com/CR3WJiL1A9
— ANI (@ANI) January 18, 2023
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2021 में यमुना सफाई प्रकोष्ठ के गठन को मंजूरी देने की घोषणा की थी। कहा गया था कि सरकार फरवरी 2025 तक यमुना को साफ कर देगी। बाद में दिल्ली सरकार के जल मंत्री ने सत्येंद्र जैन अपनी ही सरकार द्वारा तय की गई डेडलाइन से पहले यमुना को साफ करने का दावा किया था। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि ”हम 2025 तक नहीं, बल्कि दिसंबर 2023 में ही यमुना को साफ कर देंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मार्च 2022 में बजट पेश करते हुए कहा था कि यमुना में गिरने वाले सभी नालों की जांच की जाएगी और सीवेज को या तो एसटीपी में ले जाकर ट्रीट किया जाएगा या इसे इन-सीटू ट्रीटमेंट द्वारा साफ पानी में बदला जाएगा। दिल्ली सरकार का संकल्प है कि दिल्ली की जनता की तरफ से एक बूंद भी गंदा पानी यमुना में न गिरे। उन्होंने यमुना को साफ करने का लक्ष्य 2025 ही बताया था।