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    गांधीनगर: गुजरात के मोरबी क्षेत्र के माच्छू नदी में आज एक केबल ब्रिज गिर गया। बताया जा रहा है कि,पूल जिस वक्त टुटा उस समय वहां पर 400 लोग मौजूद थे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है, वहीं दर्जनों घायल हैं। पुल तीन दिन पहले खोला गया था। पीएम मोदी ने घटना की जानकारी लेते हुए अधिकारियों से तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

    पीएम मोदी ने किया मुआवजे का एलान

    पीएम मोदी ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि वे इस घटना पर नजर रख रहे हैं। एंबुलेंस को तुरंत रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं। 

    सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताया दुख

    इस हादसे पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर दुख जताया है।  उन्होंने लिखा कि, “मोरबी में केबल पुल गिरने के हादसे से मुझे गहरा दुख हुआ है।  प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है।  प्रशासन को घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।  मैं इस संबंध में जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं। ” 

    घटनास्थल पर जा रहे सीएम

    सीएम ने कहा कि, “मैं पीएम के साथ आगे के कार्यक्रमों को छोटा करके गांधीनगर पहुंच रहा हूं।  गृह राज्यमंत्री को मौके पर पहुंचने और बचाव कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए कहा गया है।  एसडीआरएफ समेत जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है। ” गुजरात के मुख्यमंत्री और गृह राज्यमंत्री रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने तक मोरबी में ही रहेंगे। 

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जताया दुख

    इस हादसे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं। इस विषय में मैंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुँच रही है। प्रशासन को घायलों को तुरंत उपचार देने के निर्देश दिए हैं।”

    अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए फिर से खोला गया पुल टूट गया क्योंकि यह उस पर खड़े लोगों का भार सहन नहीं कर सका। स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा, ‘‘पुल टूटने से कई लोग नदी में गिर गए। बचाव अभियान जारी है। ऐसी जानकारी है कि इसमें कई लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है।”

    CM केजरीवाल ने जताया दुख

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है।  उन्होंने ट्वीट किया कि, “गुजरात से बेहद दुःखद खबर मिल रही है।  मोरबी में ब्रिज टूट जाने से कई लोगों के नदी में गिर जाने की खबर है।  भगवान से उनकी जान और स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं। ” 

    एसआईटी का गठन 

    गुजरात सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है, जिसमें एक आईएएस अधिकारी, एक गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियर और नगर निगम के 3 अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा सीआईडी ​​की टीम भी मामले की जांच करेगी। जिनके परिवार के सदस्य दुर्घटना के बाद फंसे या लापता हैं। उनकी जानकारी के लिए कलेक्ट्रेट के आपदा नियंत्रण प्रकोष्ठ ने हेल्पलाइन नंबर 02822 243300 जारी किया है।

    मोरबी ब्रिज का इतिहास?

    इस पुल का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। पुल का निर्माण 1880 में लगभग 3.5 लाख की लागत से किया गया था। उस समय पुल के निर्माण की सामग्री इंग्लैंड से आती थी। इस ब्रिज का निर्माण दरबारगढ़ और नजरबाग को जोड़ने के लिए किया गया था। मोरबी का यह केबल ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह केबल ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश की ऐतिहासिक धरोहर है।