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सूरत/ नई दिल्ली: ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले (Defamation Case) में अपनी सजा पर रोल लगाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पहले निचली अदालत का रुख किया था लेकिन अदालत ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से पता चला है कि हाई कोर्ट के जज गोपी (Gujarat HC judge Geeta Gopi) ने इस मामले पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस मामले पर राहुल राहुल गांधी के वकील पीएस चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के सामने मोदी उपनाम वाले मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। लेकिन गोपी ने सुनवाई के दौरान ही कहा, “मेरे सामने नहीं।” वहीं, उन्होंने हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की पीठ को सौंप दें।

राहुल गांधी के ररफ से हाई कोर्ट में पेश हुए वकील ने आगे कहा, “मामले को न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत में ले जाने का अनुरोध किया गया था क्योंकि उनकी अदालत आपराधिक पुनरीक्षण के विषय से संबंधित है।”

 इससे पहले सूरत की अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि से निपटने) के तहत बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के दायर 2019 के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वही, उनका बंगला भी खली करवाया गया।