गुजरात: गुजरात चुनाव (Gujarat election) के बीच गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने सरकार को फटकार लगाई है। मोरबी ब्रिज हादसे (Morbi bridge accident) में मृतकों के परिजनों को कम मुआवजा देने से नाराज कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई साथ ही राज्य के सभी पुलों का सर्वेक्षण करने का आदेश भी दिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि मोरबी ब्रिज हादसे की कोर्ट पूरी गहराई से जांच करवाए और जरूरी कदम उठाए। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई।
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य के सभी पुलों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। एचसी का कहना है कि सरकार सुनिश्चित करें कि पुल उचित स्थिति में हैं। हाईकोर्ट सभी पुलों की सूची चाहता है, जिसमें यह उल्लेख किया जाए कि उनमें से कितने ठीक स्थिति में हैं। इसमें कहा गया है कि प्रमाणित रिपोर्ट होनी चाहिए। इसे हाईकोर्ट के सामने पेश किया जाय।
Guj HC orders state govt to do a survey of all bridges in the state. HC says, ensure bridges are in proper condition. HC wants a list of all bridges, mentioning how many of them are in same condition. It states that there should be certified report&it needs to be placed before HC pic.twitter.com/MY3PEGuYp6
— ANI (@ANI) November 24, 2022
गुजरात हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के मामले में राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने पाया कि मृतक के परिजनों को दिया गया मुआवजा कम है। एचसी ने कहा कि मुआवजा यथार्थवादी होना चाहिए और उचित मुआवजे का भुगतान करना समय की मांग है। कोर्ट ने कहा कि गंभीर रूप से घायलों को दिया जाने वाला मुआवजा भी कम है। कोर्ट ने राज्य से एक विस्तृत हलफनामा दायर करने और मुआवजे के लिए एक नीति बनाने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि गुजरात सरकार (जिसका प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव करते हैं), राज्य के गृह विभाग, नगर पालिका आयुक्त, मोरबी नगरपालिका, जिला कलेक्टर और राज्य मानवाधिकार आयोग को पक्षकार बनाया जाए। पुल हादसे के बाद पुलिस ने 31 अक्टूबर को ओरेवा समूह से संबद्ध चार व्यक्तियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। पुल के संचालन एवं रखरखाव का जिम्मा संभाल रहीं कंपनियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।