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Photo: ANI/ Twitter

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    गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के अपहरण के मामले में एक नया मोड़ आ गया है, जब गायब हुए कैंडिडेट ने एक वीडियो जारी किया है। आप उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने कहा कि, ‘मेरे नामांकन वापस लेने का कारण यह था कि सूरत (पूर्व) विधानसभा में (आप) कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। कर्मचारी पैसे की मांग करने लगे। मैं इतना सक्षम नहीं हूं कि 80 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये खर्च कर सकूं। उनकी मांग इतनी थी कि मैं उसे पूरा नहीं कर सका। 

    अब मुझे क्या करना है, 5-7 दिन बाद बताऊंगा

    बता दें कि, कंचन जरीवाला AAP के सूरत पूर्व सीट से उम्मीदवार थे और वो अचानक गायब हो गए। जिसके बाद आम-आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर उसे गायब कराए जाने का आरोप लगाया था। भाजपा द्वारा अपहरण किए जाने के आरोप पर आप प्रत्याशी कंचन जरीवाला ने कहा कि, ‘पार्टी का काफी दबाव था। लोग बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे। मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया, वहां बीजेपी का कोई नहीं था। अब मुझे क्या करना है, 5-7 दिन बाद बताऊंगा।’

    बिना किसी दबाव के नाम वापस लिया

    जरीवाला ने एक वीडियो बयान जारी करके स्पष्ट कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के नाम वापस लिया है। उन्होंने कहा है कि आप की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने पर विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘गुजरात विरोधी’ कहने लगे थे, इसलिए उन्होंने अपने मन की सुनते हुए पर्चा वापस लिया है। वहीं, सिसोदिया में दावा किया कि जरीवाला और उनका परिवार मंगलवार से ही लापता थे और अंतिम बार उन्हें अपने नामांकनपत्र की छंटनी के दौरान सूरत में निर्वाचन आयोग के कार्यालय में देखा गया था।

     दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आप के चार सदस्यीय शिष्टमंडल ने आज शाम निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलकर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा था। सिसोदिया में आरोप लगाया कि सूरत (पूर्व) सीट से उसके उम्मीदवार कंचन जरीवाला जब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें नाम वापस लेने पर मजबूर किया गया। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आप का ज्ञापन जांच और समुचित कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया गया है।