जंबूसार/गुजरात:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके नेता बहुत लंबे समय तक जनजातीय समुदाय को लेकर बेसुध रहे जबकि वे भगवान राम और भगवान कृष्ण के दिनों से देश में रह रहे हैं। जनजातीय बहुल भरूच जिले के जंबूसार शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में पारंपरिक जनजातीय वेशभूषा पहनने को लेकर भी उनका मजाक उड़ाया।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत लंबे समय तक कांग्रेस के नेता भारत में जनजातीय समुदाय के अस्तित्व से अनजान रहे। क्या वे भारत में भगवान राम और श्रीकृष्ण के दिनों से नहीं रह रहे हैं? क्या वे 1857 के विद्रोह का हिस्सा नहीं थे? जनजातीय समुदाय ने देश के लिए इतना कुछ किया लेकिन कांग्रेस के नेता उनके अस्तित्व से अनजान थे। मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं होता तो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जनजातीय समुदाय के लिए अलग से कोई मंत्रालय क्यों नहीं था।
How does Congress expect to get popular support in Gujarat when they hobnob with the same people who denied water to the people of Gujarat and spread lies on the Narmada Dam? pic.twitter.com/8TuB0rcIRi
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2022
उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान पहली बार जनजातीय समुदाय के लिए अलग से मंत्रालय बना और उनके कल्याण के लिए बजट आवंटित किया गया। यहां तक कि आज भी कांग्रेस के नेता मेरे पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा पहनने का मजाक उड़ाते हैं।”
पिछले दो दिन से अपने गृह राज्य गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदाय को कांग्रेस से उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वे उनकी स्थिति में सुधार लाएंगे क्योंकि कांग्रेस अक्सर जनजातीय वेशभूषा का मजाक उड़ाती है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के पिछले उम्मीदवारों ने गुजरात में आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, जबकि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण और रोजगार जैसे उनके मुद्दों का समाधान किया।”
चुनाव प्रचार करने गुजरात आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत जिले के महुवा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय देश के ‘पहले मालिक’ हैं लेकिन भाजपा उनके अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है। एक दिन पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार आदिवासियों को सशक्त करने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा बनाए कानूनों को कमजोर कर रही है और उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आने के बाद उन्हें मजबूत करेगी।(एजेंसी)