फिर बढ़ा बिपरजॉय का खतरा! गुज़रात में हो सकती है भयंकर तबाही, क्या पड़ेगा मानसून पर भी इसका असर?

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नई दिल्ली: गुज़रात सहित देश के कई हिस्सों में बिपारजॉय तूफान समस्या का कारण बन गया है, ऐसे में आपको बता दें कि चक्रवात बिपरजॉय की तीव्रता पहले से अधिक बढ़ गई है और इस बात को ध्यान में रखते हुए मौसम विभाग ने इस संबंध में एक बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस खौफनाक चक्रवात का मानसून पर असर पड़ेगा या नहीं इसकी जानकारी मंगलवार को दी गई। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात ने मानसून को आगे बढ़ने में मदद की है। जी हां ऐसे में अब मानसून की राह में कोई चक्रवाती बाधा नहीं है या मानसून के प्रभावित होने की कोई संभावना नहीं है। आइए जानते है इस बारे में पूरी जानकारी क्या है। 

गुजरात में बिपारजॉय मचाएगा तबाही 

हालांकि बिपरजॉय का  मानसून पर कोई असर नहीं होगा लेकिन अरब सागर में चक्रवात बिपारजॉय के गुजरात में भारी तबाही मचाने की संभावना है। जी हां आपको बता दें कि चक्रवात के गुजरात तट पर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इस बारे में आपको बता दें कि तट पर 10 से 14 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी जबकि 25 सेमी से अधिक बारिश होने का अनुमान है। 

गुजरात के ‘ये’ हिस्से होंगे प्रभावित 

जी हां मौसम विभाग ने दी जानकारी के मुताबिक, बिपरजॉय से भारी नुकसान होने की आशंका है और मौसम विभाग ने इसके कच्छ, द्वारका और जामनगर जिलों को प्रभावित करने की आशंका जताई है, अब महत्वपूर्ण यह होगा कि इस तूफान में किसी भी प्रकार की जीव हानी ना हों। 

15 जून की शाम को…

ज्ञात हो कि मंगलवार को बाइपरजॉय ने खौफनाक रूप धारण किया है। ऐसे में अब इसके कला यानी 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ तट से टकराने की संभावना है। इस बारे में मौसम विभाग ने कहा है कि इस समय चक्रवात के कारण 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। ऐसे में सब को पहले से ही सावधान होना है ताकि इस बाइपरजॉय का कोई शिकार न हो सके।    

अमित शाह ने दिया ये आदेश 

जैसे कि हमने आपको बताया इस तूफानी चक्रवात से भारी बारिश होने की संभावना है और कच्छ और सौराष्ट्र में बाढ़ आ सकती है। ऐसे में अब स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमनाथ और द्वारका मंदिरों के आसपास सभी जरूरी तैयारियां करने का आदेश दिया है। गिर के जंगल में पशु-पक्षियों की भी ठीक से देखभाल करनी चाहिए। साथ ही अमित शाह ने कहा है कि विधायक और सांसद अपने-अपने क्षेत्र में यथासंभव मदद करें। इस तरह इस प्राकृतिक आपत्ति से निपटने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।