इंदौर की अदालत का भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में बड़ा फैसला, तीन दोषी करार देते हुए, सुनाई गई 6-6 साल की सजा

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    इंदौर (मध्यप्रदेश): आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाते हुए जिला अदालत ने 28 वर्षीय एक महिला समेत उसके तीन सहयोगियों को शुक्रवार को छह-छह साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने आध्यात्मिक गुरु की आत्महत्या के हाई-प्रोफाइल मामले में पलक पौराणिक (28), विनायक दुधाड़े (45) और शरद देशमुख (37) को भारतीय दंड विधान की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाना) और धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। 

    अधिकारियों ने बताया कि भय्यू महाराज (50) ने इंदौर के बायपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून 2018 को अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना के सात महीने बाद पलक पौराणिक के साथ आध्यात्मिक गुरु दो विश्वस्त सहयोगियों-विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया था।   

    पुलिस के मुताबिक पलक, भय्यू महाराज पर आपत्तिजनक चैट और अन्य निजी वस्तुओं के बूते उन पर शादी के लिये कथित रूप से दबाव बना रही थी, जबकि अधेड़ उम्र के आध्यात्मिक गुरु पहले से शादीशुदा थे। पुलिस ने भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया था।   

    इसमें उन्होंने लिखा था कि “वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं।” पुलिस ने पौराणिक, दुधाड़े और देशमुख को गिरफ्तार करने के बाद मीडिया से कहा था कि वे भय्यू महाराज को ब्लैकमेल करने के साथ ही उन्हें अधिक मात्रा में नशीली दवाएं भी दे रहे थे।