Cheetah
File Photo: PTI

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श्योपुर/ नई दिल्ली: देश में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में सोमवार को एक साशा नामक चीते की मौत हो गई। यह चीता पिछले तीन महीने से किडनी के संक्रमण से पीड़ित था। साशा उन आठ नामीबियाई चीतों में से एक थी, जिन्हें पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।

एफपीजे के रिपोर्ट के मुताबिक, साशा को कूनो में शिफ्ट किए जाने के कुछ महीनों बाद ही उसने खाने को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया था। साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी। उसके अलावा बाकी अन्य चीते अब पूरी तरह फिट होकर शिकार भी कर रहे थे। साशा के हालत को देखते हुए कूनो के अधिकारी चिंतित हो गए क्योंकि यह अच्छा व्यवहार नहीं दिखा रहा था। यह देखकर अधिकारियों ने उसे बाड़े से बाहर निकालने का फैसला किया और उपचार केंद्र में स्थानांतरित कर दिया। वाइल्ड लाइफ के डॉक्टरों ने साशा की हालत नाजुक बताते हुए कहा था कि उसके बचने की संभावना कम है। 

कूनो नेशनल पार्क की ओर से कहा गया कि 22 तारीख को मादा चीता साशा को मॉनिटरिंग टीम ने सुस्त पाया था। जांच करने पर पाया कि उसे इलाज की जरूरत है जिसके बाद उसे क्वारंटीन बाड़े में लाया गया। उसके ब्लड सैंपल की जांच से पता चला कि उसके गुर्दों में संक्रमण है। आगे की जांच में पता चला कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत लाने से पहले से ही थी। इलाज के दौरान साशा की मौत हो गई। 

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।