cough syrup
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मुंबई: राज्य में कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों पर वैश्विक स्तर पर सवाल उठने के बाद महाराष्ट्र एफडीए (Maharashtra FDA) ने दवा निर्माता कंपनियों पर कठोर कार्रवाई शुरू की है। एफडीए ने कफ सिरप (Cough Syrup) बनाने वाली 84 कंपनियों की जांच की थी जिसमें 17 दोषी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया गया है। चार कंपनियों का उत्पादन बंद कर दिया गया है और 6 कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाने की अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ (Minister Sanjay Rathore) दी। वे विधानसभा में पूछे गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे। 

देश से निर्यात होने वाले दोषपूर्ण कफ सिरप पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन सिरप में हानिकारक तत्व पाए जाने की चेतावनी जारी की थी। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य में बनने वाली विभिन्न प्रकार की दवाओं की गुणवत्ता जांच के बाद ही वैश्विक बाजार में दवाओं को भेजना अनिवार्य  कर दिया है।

बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने पूछा प्रश्न

राठौड ने कहा कि फरवरी 2023 में की गई जांच में पाया गया कि राज्य में 200 दवा विनिर्माताओं द्वारा 2000 से अधिक दवाओं निर्माण किया जाता है। बिना किसी तरह के स्टेबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट के ज्यादा दवाओं का निर्यात किया जा रहा है। बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश कर पूछा कि सरकार इन दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द करने क्या कार्रवाई कर रही है। शेलार ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। उन्होंने दोषी दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।

की जा रही है कार्रवाई: मंत्री संजय राठौड़ 

सदस्य के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री संजय राठौड़ ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अक्टूबर 2022 में गांबिया में 66 बच्चों की मौत की रिपोर्ट जारी की थी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दिनांक 07-10-2022 परिपत्र के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य में कफ सिरप निर्माता द्वारा तैयार की गई दवाओं की जांच के लिए अभियान चलाया गया। इसमें 84 कंपनियों का निरीक्षण किया गया। कुल 27 कंपनियों के निर्माता के सिरप परीक्षण में त्रुटिपूर्ण पाए गए। उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

राज्य में 996 एलोपैथिक दवा निर्माता कंपनियां 

राज्य में कुल 996 एलोपैथिक दवा निर्माता हैं जिनमें से 514 निर्माता निर्यात करते हैं। मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष में 8 हजार 259 खुदरा विक्रेताओं का निरीक्षण किया गया है। 2 हजार लाइसेंसधारियों को कारण बताया गया है। 424 लाइसेंस रद्द किए गए हैं और 56 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि यह मामला गंभीर है और जल्द ही बैठक की जाएगी।