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    • अब तक करीब 800 करोड़ का हुआ कर्ज वितरण
    • टार्गेट पूरा नहीं हो सका अभी तक

    अकोला. खरीफ फसलों की बुआई शुरू है. करीब 22 प्रश तक बुआई अब तक हुई है. खरीफ फसलों की बुआई के लिए बड़ी संख्या में किसान फसल कर्ज लेते हैं. इसके बाद बुआई के काम शुरू करते हैं. पिछले करीब तीन वर्षों में नैसर्गिक संकटों के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. किसान पहले ही परेशान हैं. इस वर्ष खरीफ फसलों के लिए फसल कर्ज का 1400 करोड़ रू. का टार्गेट रखा गया है. उधर किसानों की बुआई शुरू है. जानकारी के अनुसार अब तक 810 करोड़ से कुछ अधिक कर्ज वितरण किया गया है.

    बुआई शुरू होने के बाद भी कई किसानों को फसल कर्ज नहीं मिला है. कई किसान ऐसे हैं जिन लोगों ने निजी स्तर पर कर्ज लेकर बुआई शुरू कर दी है. जहां कर्ज का टार्गेट 1400 करोड हो उस तुलना में 800 करोड़ से कुछ अधिक का कर्ज वितरण यह बहुत कम प्रमाण है. इस ओर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है.

    जानकारी के अनुसार विविध बैंकों द्वारा फसल के लिए किसानों को कर्ज दिया गया है जिसमें पब्लिक सेक्टर द्वारा 16,488 लाख, निजी सेक्टर द्वारा 981 लाख, डीसीसी बैंक द्वारा 47,053 लाख तथा वीकेजीबी द्वारा 16,511 लाख इस तरह कुल 81,033 लाख रू. का कर्ज वितरित किया गया है. 

    कर्ज वितरण की गति धीमी

    यदि देखा जाए तो अब तक दी गयी कर्ज की राशि को देखकर ऐसा लगता है कि कर्ज वितरण की गति काफी धीमी है क्योंकि जिन किसानों को फसल कर्ज न मिलने के कारण निजी स्तर पर कर्ज लेकर खाद, बीज आदि खरीदनी पड़ी है उन लोगों की ओर बैंकों का ध्यान नहीं जा रहा है. बैंकों का काम है कि किसानों को फसल कर्ज देते समय नियमों को थोड़ा शिथिल करे. 

    बैंकों द्वारा प्रोत्साहन पर अनुदान भी नहीं दिया जा रहा है-धनंजय मिश्रा

    इस बारे में बातचीत करने पर शेतकरी संगठन के विदर्भ के अध्यक्ष धनंजय मिश्रा ने कहा कि राज्य के मंत्री मंडल द्वारा मंजूर किया गया था कि जो किसान नियमित रूप से बैंकों में फसल कर्ज वापस करते हैं उन किसानों के 50 हजार रू. प्रोत्साहन पर अनुदान बैंकों द्वारा दिया जाना चाहिए, लेकिन वह अनुदान भी बैंकों द्वारा किसानों को नहीं दिया जा रहा है. इसी तरह इस वर्ष किसानों को दिए जा रहे फसल कर्ज वितरण की गति भी बहुत धीमी है, बैंकों ने किसानों के साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करते हुए तुरंत फसल कर्ज देना चाहिए.