Anganwadi Workers Strike

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अमरावती. राज्यभर में पिछले 40 दिनों से आंगनवाड़ी सेविकाएं विविध मांगों को लेकर हड़ताल पर है. आंगनवाड़ी केंद्र को ताले लगे हुए हैं. लेकिन अब तक प्रशासन ने मांगें पूरी नहीं की.  शुक्रवार को आंगनवाड़ी सेविकाओं ने जेलभरो आंदोलन किया. गांधी चौक में हुए आंदोलन के कारण भागमभाग मची. कई आंगनवाड़ी सेविकाओं ने यहां न्याय के लिए गिरफ्तारियां दी. आगे भी यह आंदोलन जब तक मागें पूरी नहीं होती, तब तक जारी रहने की बात आंदोलनकारियों ने की.

राज्य सरकार के खिलाफ  नारेबाजी

राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और अपनी आवाज बुलंद की गई. आंगनवाड़ी सेविकाओं को हर माह 26 हजार व मददनीस को 20 हजार रुपये मानधन दें, कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा मिले, ग्रेच्युएटी लागू करें सहित अन्य मांगों को लेकर 4 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल शुरु की गई है. इस हड़ताल के कारण आंगनवाड़ियों में ताले लगे हैं.

Anganwadi Workers Strike

कामकाज हो रहा प्रभावित

आंगनवाड़ी सेविका बिना अनुमति अनुपस्थित रहने से कामकाज प्रभावित हो रहा है. अस्वच्छता, बालकों की चिंता, टिकाकरण जैसे कई काम प्रभावित हुए हैं. ऐसे में अब यह आंदोलन और तीव्र होता दिख रहा है. आंदोलन करने वालों में रतन गुजर, संजय मापले, रमेश सोनुले, पद्मा गजभिये, रेखा वानखड़े, सफीया खान, चंदा वानखड़े, रेहाना यास्मिन, आशा वैद्य, मीना कापसे, मनोरमा राऊत, इंद्रायणी आठवले, रंजना चौधरी, सुनीता कवाड़े, अरुणा नितनवरे, रेखा गुंबले, शालिनी देशमुख, विमल बोरकुटे, पुष्पा मेश्राम, लता दहातोडे, मंगला विधले, मीना शहाणे, वंदना धाकटे, माधुरी देशमुख, करुणा तायड़े, सुषमा चौकड़े, ममता जावरकर, प्रीति भगत सहित आंगनवाड़ी सेविकाओं का बड़ी संख्या में समावेश रहा.