50 Prashant farmers again accused by former agriculture minister Bonde of moneylenders
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अमरावती. आगामी लोकसभा चुनाव में जिले से भाजपा के उम्मीदवार को मैदान में उतारने की मांग जनता की ओर से की जा रही है. इसलिए स्थानीय भाजपा संगठन द्वारा पार्टी से अनुरोध किया जाएगा कि यहां से लोकसभा का चुनाव भाजपा के चुनाव चिन्ह के तहत लड़ा जाए. यहां से भाजपा अपने कमल चिन्ह पर उम्मीदवार को मैदान में उतारती है तो तो निश्चित सफलता मिलने का विश्वास सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने व्यक्त किया.

नए चेहरे को उतारने की अपेक्षा

उल्लेखनीय है कि गत चुनाव में भाजपा-सेना युति से शिवसेना के उम्मीदवार आनंद अडसुल को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत राणा के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. राणा को चुनाव में कांग्रेस राकां ने समर्थन घोषित किया था. लेकिन चुनाव पश्चात नवनीत ने पाला बदलकर भाजपा से जुड़ गई है जिससे यहां के अनेक अल्पसंख्यक मतदाता उनसे नाराज हो गए है. फिलहाल राणा का राज्य तथा केंद्र में भी भाजपा के साथ काफी अच्छा तालमेल है. राणा दंपति ने भाजपा के छुपे समर्थन के बल पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल रखा है. जन सामान्य के मन में भी यही है कि आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा के समर्थन से निर्दलीय या भाजपा के कमल चिन्ह पर लड़ेंगी.

नवनीत की राह नहीं आसान

दूसरी और राणा दंपति की भले राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ काफी जुड़ाव दिखता है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा पार्टी के पदाधिकारियों का उनसे कोई तालमेल नहीं है. आए दिन एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं. इस बीच सांसद अनिल बोंडे द्वारा अचानक लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमल चिन्ह पर लड़ने की तैयारी दर्शा दी. इससे इस विषय ने तुल पकड़ लिया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नवनीत राणा को संदेश देने का प्रयास किया हो कि उन्हें अगला चुनाव कमल चिन्ह पर लड़ने की तैयारी है, तो इसका खुलासा करें.  यह निश्चित है कि ऐसी इच्छा भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की भी है, लेकिन केंद्र और राज्य के किसी पदाधिकारी ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए, इससे संभ्रम है.

भाजपा में राणा को लेकर रोष

पूर्व मनपा गट नेता तथा भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तुषार भारतीय तथा रवि राणा के बीच कार्यों के श्रेय को लेकर वादविवाद होते रहता है. भारतीय ने भूमिपूजन कार्यक्रम के बैनर को कालिख पोत दी थी. उन्होंने राणा से कहा था कि अगर हम निर्वाचन क्षेत्र में राज्य सरकार से काम मंजूर करके लाते हैं. उसका श्रेय लेने का प्रयास न करें. इसलिए भाजपा के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं में नवनीत राणा के खिलाफ रोष है. इसके चलते इस भावना को सांसद बोंडे ने कहीं हो.