yashomati thakur
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अमरावती. प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जरूरतमंदों को घरों के लिए जगह नहीं मिल रही, जगह होगी तो ग्राम पंचायत या प्रशासकीय स्तर पर कार्यालयीन लापरवाही होती है. इन सभी के फलस्वरूप घरकुल रद्द हो रहे हैं. अकेले अमरावती जिले में इस कारण से 29,610 घरकुल रद्द होने की नौबत आ गई है. जिसके कारण 31 मार्च से पूर्व सरकार को इस गंभीर मामले में ध्यान देने की जरूरत है. 

विस में उठा मुद्दा

विधानसभा में ग्राम विकास और नगर विकास विभाग की चर्चा में विधायक यशोमति ठाकुर ने बताया कि विद्यमान राज्य सरकार ने 25.15, 30.54 इन योजनाओं को स्थगनादेश दिया. ग्रामीण जोड़ रास्तों को भी स्थगनादेश दिया. कांग्रेस, राष्ट्रवादी और शिवसेना के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में इन योजनाओं पर रोक है. पगडंडी रास्ते ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है, इसके लिए नई योजना निर्धारित करने की आवश्कता है. ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं की ओर सरकार की अक्षम्य अनदेखी हुई है. बेघरों के लिए केंद्र पुरस्कृत प्रधानमंत्री आवास योजना, राज्य पुस्कृत रमाई, शबरी, पारधी बस्ती, य‍शवंतराव चव्हाण, मुद्र्त वसाहत के अंतर्गत योजना इन योजनाओं की निधि में वृध्दि करने की आवश्यकता है. 

शहर के लाभार्थियों को ढाई लाख

इन योजनाओं‍के लाभार्थियों को 2018–19 से एक से डेढ़ लाख रू दिए जाते है तथा शहर के लाभार्थियों को ढाई लाख रू. दिए जाते है. अब बढती मंहगाई के साथ ही इस निधि में भी वृध्दि करने की मांग यशोमति ठाकुर ने इस समय की. पंडित दीनदयाल घरकुल योजना में घरकुल की जगह के लिए 50 हजार रू. दिए जाते है. इस रकम का कोई उपयोग नहीं होता, जिसके कारण यह रकम अखर्चित रहती है. रेडीरेकनर के अनुसार कुछ बातों में बदल करने की सूचना इस समय उन्होंने सरकार को दी. घरकुलों के लिए रेती नहीं मिलती, जिसके कारण जिन स्थानों पर घरकुलों का काम शुरू है, वहां जिलाधिकारी को रेत उपलब्ध करवाने के आदेश दिए जाएं.