31 पानी की टंकियों के लिए इकतीस अधिकारियों की नियुक्ति

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    औरंगाबाद : शहर में निर्माण पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) की समस्याओं को हल करने का प्रशासन (Administration) ने बीड़ा उठाया है। राज्य के मुखिया उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने हाल ही में शहर की पेयजल समस्याओं को हल करने की ज़िम्मेदारी विभागीय आयुक्त सुनील केन्द्रेकर पर सौंपी है। केन्द्रेकर महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिककुमार पांडेय और कलेक्टर सुनील चव्हाण को साथ लेकर पेयजल समस्या हल करने के लिए युद्धस्तर पर जूटे हुए है। केन्द्रेकर ने जिला परिषद, महानगरपालिका और जिला प्रशासन से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर शहर के 31 पानी की टंकियों (Tanks) को भरने और पेयजल आपूर्ति को लेकर आने वाली समस्याओं को जानकर उन्हें हल करने के लिए 31 वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की है।

    महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि बीते एक पखवाड़े से विभागीय आयुक्त केन्द्रेकर शहर की पेयजल आपूर्ति की समस्याओं को हल कर वर्तमान में शहर वासियों को 5 दिन गैप देकर हो रही पेयजल आपूर्ति के समय में बदलाव कर उसे 3 से 4 दिन गैप देकर जल आपूर्ति करने का नियोजन कर रहे है। जिसमें उन्हें बड़े पैमाने पर कामयाबी मिल रही है। केन्द्रेकर ने जिले के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें महानगरपालिका के जल विभाग से संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। शहर की पेयजल आपूर्ति की समस्याओं को हल करने कड़े निर्णय लेने के निर्देश उन्होंने मातहत अधिकारियों को दिए। जिन अधिकारियों पर ज़िम्मेदारी सौंपी गई, उनमें कई उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, जिला परिषद और महानगरपालिका अधिकारी शामिल है। 

    अधिकारी लाइनमैन से चर्चा कर हल करेंगे जल समस्या 

    महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि शहर में स्थित 31 पानी की टंकियों से नागरिकों को समान पेयजल आपूर्ति करने और आपूर्ति का गैप 5 से 3 से 4 दिन करने हेतु उन नियुक्त 31 अधिकारियों पर ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। केन्द्रेकर द्वारा सौंपी गई ज़िम्मेदारी के बाद हर पानी की टंकी के लिए नियुक्त अधिकारी उस परिसर का दौरा कर पानी की टंकी भरने के लिए आने वाली समस्याएं, परिसर के नागरिकों को जल आपूर्ति के लिए आ रही समस्याओं से अवगत होगा। उन्हें हल करने के लिए प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाने जाने चाहिए, इस पर लाइनमैन के साथ चर्चा की जाएगी। साथ ही हर टंकी का मैप देखकर उस परिसर की जल आपूर्ति समय पर करने हेतु निर्णय लिए जाएंगे। इस नियोजन से विभागीय आयुक्त केन्द्रेकर को आशा है कि शहरवासियों को 5 के बजाए 3 से 4 दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति हो पाएगी। 

    शक्कर कुएं से होगी औरंगाबाद वासियों को पेयजल आपूर्ति 

    शहर के हिमायब बाग परिसर में स्थित शक्कर बावली के नाम से मशहुर कुएं से दिल्ली गेट, रोजा बाग और परिसर के नागरिकों को पेयजल आपूर्ति करने के लिए महानगरपालिका के प्रभारी प्रशासक और कलेक्टर सुनील चव्हाण ने पहल की है। इस कुएं से पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए महानगरपालिका प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर सुनील चव्हाण ने दिए। उधर, शक्कर बावडी से मशहुर कुएं से बड़े पैमाने पर कीचड़ निकालने का काम दो जेसीबी की सहायता से शुरु किया गया है। कलेक्टर सुनील चव्हाण ने महानगरपालिका के अधिकारियों के  साथ शक्कर बावडी परिसर का दौरा कर जानकारी ली। इस अवसर पर महानगरपालिका के पेयजल आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता हेमंत कोल्हे, हिमायत बाग के प्रशासकीय अधिकारी एमबी पाटिल, यांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता डीके पंडित, उपअभियंता डीपी गायकवाड, कृषि अधिकारी अविनाश देवले उपस्थित थे।

    20 बाय 80 मीटर की है शकर बावडी 

    इस दौरे के बाद कलेक्टर सुनील चव्हाण ने बताया शक्कर बावडी से कीचड निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। 20 बाय 80 मीटर के इस बावडी से करीब 150 ब्रास कीचड़ निकाला गया है। कीचड़ निकालने के लिए जरुरी यंत्र सामग्री यंत्रणा को उपलब्ध करायी गयी है। आगामी चार दिन में संपूर्ण कीचड़ निकालकर शक्कर बावडी का पानी रोजा बाग में स्थित सेटलिंग टैंक में पहुंचाया जाएगा। उस स्थान पर पानी का शुद्धिकरण, गुणवत्ता जांच कर नागरिकों को जल्द ही इस बावडी से पानी की आपूर्ति की जाएगी। बता दे कि शहर के बीचो बीच स्थित हिमायत बाग में पहले नहर ए अंबरी का पानी इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन, बाद में पानी की किल्लत अधिक महसूस होने पर तत्काल कुंआ खोदा गया। वहां का पानी काफी मिठा होने से उसका नाम शक्कर बावडी पड़ा। 1972 में मराठवाड़ा में निर्माण हुए गंभिर सूखे में भी शक्कर बावडी से शहर के कई इलाकों को बड़े पैमाने पर पेयजल आपूर्ति की जाती थी। यह जानकारी हिमायत बाग के प्रशासकीय अधिकरी एमबी पाटिल ने दी।