औरंगाबाद शहर का वायु प्रदूषण गिरा

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    औरंगाबाद : देखने में आ रहा है कि औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) द्वारा शहर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने के लिए की गई गतिविधियों को सफलता मिल रही है। शहर का PM10 (पार्टिकुलेट मैटर इन एयर) स्वच्छता संकेतक इस साल राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme) के तहत वैश्विक मानकों को पूरा करने की संभावना है।

    स्वच्छ संकेतक के अनुसार, शहर का वायु प्रदूषण का आंकड़ा 2019-20 में 76 माइक्रोन था और 2020-21 में यह 64 माइक्रोन तक आ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक 60 माइक्रोन है। जिसे देखते हुए औरंगाबाद महानगरपालिका द्वारा वर्ष 2022-23 तक उक्त मानक को प्राप्त करने की अत्यधिक संभावना है। घनकचरा व्यवस्थापन कक्षप्रमुख सोमनाथ जाधव ने निष्कर्ष निकाला। केंद्रीय पर्यावरण, वन और पर्यावरण परिवर्तन मंत्रालय के सहायक सचिव सुमित महाजन की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में निष्कर्ष निकाला गया। 

    महाजन ने इस मुद्दे पर 1 सितंबर को महानगरपालिका, मुख्यालय स्थित स्थायी समिति हॉल में समीक्षा बैठक की। उक्त बैठक में घनकचरा व्यवस्थापन कक्षप्रमुख सोमनाथ जाधव, मुख्य उद्यान अधिकारी विजय पाटिल, परियोजना सलाहकार डॉ. गीतांजलि कौशिक, घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के अधीक्षक जयवंत कुलकर्णी, जनसंपर्क अधिकारी तौसीफ अहमद आदि उपस्थित थे। इस बैठक में डॉ. कौशिक ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से गतिविधियों, बैठकों और जन जागरूकता आदि के बारे में और निधी के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी। 

    इसके अलावा महाजन को प्रदूषण कम करने के लिए चलाई जा रही पहल जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा का उपयोग, खाम नदी का कायाकल्प, वर्टिकल गार्डन, डस्ट स्वीपिंग मशीन, फव्वारा, वृक्षारोपण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर महाजन ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों के बारे में जानकारी ली।

    हवा में धूल के कणों की मात्रा को कम करने के लिए औरंगाबाद महानगरपालिका वर्टिकल गार्डन, वृक्षारोपण रात में स्वीपिंग मशीनों का उपयोग करके सड़क के किनारे की मिट्टी को उठाने चौक में फव्वारा लगाने जैसी गतिविधियों को लागू कर रहा है। जिसके चलते अब उसके परिणाम औरंगाबाद शहर में दिखने लगे है।