राम नवमी पर दंगा भड़कने से पहले CP गुप्ता और MP जलील ने दिखाई समझदारी, समय रहते पाया काबू; इतने दंगाइयों पर केस दर्ज

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छत्रपति संभाजीनगर : वैसे पिछले कुछ सालों से साम्प्रदायिक तनाव (Communal Tension) को लेकर शहर शांत बना हुआ था। परंतु बुधवार की रात अचानक शहर के अल्पसंख्यक बहुल इलाका किराडपुरा में स्थित राम मंदिर के सामने साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा होकर दंगा (Riot) हुआ। दंगे में उग्र भीड़ ने पुलिस के कई वाहनों को आग के हवाले किया। गुरुवार को रामनवमी की पर्व के पूर्व रात राम मंदिर (Ram Mandir) के सामने गंभीर हालत पैदा होने से इसका असर पूरे शहर में होकर बुरी तरह हालत बिगड़ सकते थे। लेकिन, शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता (CP Dr. Nikhil Gupta) और उनकी टीम के अलावा जिले के सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने शहर में हालत बिगड़ने से बचने के लिए जो प्रयास किए उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम हैं। इधर, दंगे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु हो चुका है। इन आरोपों के चलते सभी दलों के नेता अपने राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए साम्प्रदायिक तनाव कम करने के बजाए तनाव बढ़ाने वाले बयान दे रहे है। उधर, पुलिस ने दंगे के मामले में 400 से 500 दंगाईयों के खिलाफ जिंसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। जल्द ही दंगाईयों की गिरफ्तारी शुरु होगी। 

बुधवार की देर रात शहर के किराडपुरा में स्थित राम मंदिर में रामनवमी की तैयारियां जारी थी। इसी दरमियान कुछ युवक राम मंदिर के सामने आकर नारेबाजी करते है। जिसके बाद दो गुट आमने सामने हुए और शांत शहर में माहौल खराब हुआ। देर रात 12:30 से सुबह 4 बजे तक उपद्रवी कारी युवकों ने हंगामा करते हुए पुलिस के वाहनों के साथ-साथ अन्य वाहनों को आग के हवाले किया। बल्कि, कुछ पुलिस वालों पर हमला भी होने की खबरें है। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए है। 

पुलिस के सख्त कदम से हालत जल्द काबू में आए 

इस घटना के बाद शहर में अफवाह फैली थी कि किराडपुरा में स्थित राम मंदिर में तोड़फोड़ की गई। यह अफवाहें पूरी तरह निराधार झूठी थी। इन अफवाहों से शहर में हालत और अधिक बिगड़ सकते थे। परंंतु शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता और उनकी टीम ने बिगड़ते हालत को सुधारने और उग्र भीड़ को शांत करने के लिए धर्म गुरुओं का सहारा लिया। इसके बावजूद काफी देर तक पुलिस को शांति बनाए रखने में कामयाबी नहीं मिल पा रही थी। उसके बाद उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने तत्काल हरकत में आते हुए आंसू गैस के गोले छोड़ने के अलावा हवा में फायरिंग की। पुलिस यह सख्त कदम नहीं उठाती तो शायद हालत और अधिक गंभीर हो सकते थे। परंतु सीपी डॉ. निखिल गुप्ता ने बिगड़ते हालत को बड़ी संयमता से काबू पाने में कामयाबी हासिल की। 

सवाल यह है कि आखिर मामला क्यों बिगड़ा?

देर रात हुए दंगे के बाद अब सवाल यह उठना लगा है कि आखिर मामला क्यों बिगड़ा? इसका खुलासा पुलिस प्रशासन की ओर से खुलकर नहीं हो पा रहा है।  राम नवमी को लेकर जारी तैयारियां के बीच क्या कुछ युवक मंदिर के सामने पहुुंचकर नारेबाजी करने लगे थे? उनके नारेबाजी के बाद क्या सचमूच हालत बिगड़े तो वहां तैनात पुलिस क्या कर रही थी? किराडपुरा के कुछ युवक आरोप लगा रहे कि एक विशेष समुदाय के लोग राम मंदिर के सामने आकर जानबूझकर नारे बाजी करने लगे। वहीं, कुछ युवकों का कहना है कि यह दंगा साम्प्रदायिक था ही नहीं। बल्कि, एक ही समुदाय के दो गुटों में विवाद होकर यह दंगा हुआ। उधर, पुलिस अधिकारी भी दंगा क्यों हुआ, इसका खुलकर जवाब दे नहीं पा रहे है। परंतु, शहर के एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने साफ किया कि राम मंदिर के सामने दो समुदाय के युवकों के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद राम मंदिर पहुंचे युवक वहां से चल पड़े। उसके बाद फिर दंगा भड़का। दंगे पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन, सांसद इम्तियाज जलील और धर्मगुरुओं ने भरपूर प्रयास किए। लंबे प्रयासों के बाद किराडपुरा परिसर में हालत सामान्य हुए। जिसके चलते गुरुवार को रामनवमी के पर्व पर हजारों हिंदू समुदाय के लोगों ने शांति भरे माहौल में अल्पसंख्यक बहुल इलाका किराडपुरा में राम लल्ला के दर्शन लिए। रात में हुए दंगे के बाद दिन भर किराडपुरा परिसर में हालत सामान्य दिखाए दिए। 

राम मंदिर में कई घंटो तक डटे रहें सांसद जलील 

किराडपुरा में बुधवार की देर रात हुए दंगे के बाद शहर में यह अफवाह फैली की दंगाईयों ने राम मंदिर को हानी पहुंचायी। इन अफवाहों के बीच जिले  के सांसद इम्तियाज जलील किराडपुरा पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले उग्र भीड़ को समझाने का प्रयास किया। इसी दरमियान दंगाई राम मंदिर में ना घुसे, इसको लेकर पुलिस प्रशासन के अलावा सांसद जलील ने विशेष ध्यान देकर वे खुद मंदिर में डटे रहे। उन्होंने मंदिर के पुजारी और उनके परिवार के अलावा मंदिर में रह रहे अन्य परिवारों की सुरक्षा को लेकर विशेष लक्ष्य केन्द्रीत किया। मंदिर को किसी प्रकार की हानी न हो इसको लेकर करीब तीन घंटे तक सांसद इम्तियाज जलील मशक्कत करते हुए नजर आए। उसका फल यह निकला कि मंदिर को किसी तरह की कोई हानी नहीं पहुंंची, बल्कि शहर में मंदिर को हानी पहुंचाने की जो अफवाहें जारी थी वह पूरी तरह कोरी और झूठी साबित हुई। सुबह होते होते जब शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता और खुद सांसद जलील ने सोशल मीडिया पर वीडिओ जारी कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। जिसके बाद शहरवासियों ने राहत की सांस ली। 

दर्शन को आने वाले लोगों को मुस्लिमों ने शरबत की व्यवस्था

साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया जाता है। रात में किराडपुरा में दंगा होने के बाद दिन भर रामनवमी के पावन पर्व पर किराडपुरा में स्थित राम मंदिर में लोग दर्शन के लिए आने लगे। दर्शन के लिए आने वाले श्रध्दालूओं के लिए परिसर के मुस्लिम समाज के नेताओं की ओर से शरबत का इंतजाम किया गया था। इस व्यवस्था से फिर एक बार हिंदू-मुस्लिम समुदाय में एकता दिखाई दी।