
औरंगाबाद. शहर में इन दिनों कोरोना वायरस ने आतंक मचाया हुआ है। हर दिन डेढ़ हजार से अधिक संक्रमित मरीज पाए जाने से प्रशासन इस महामारी पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयासों में जूटा है। इन्हीं प्रयासों में बीते 11 मार्च से शहर में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया हुआ है। रात 8 से सुबह 5 बजे तक जारी नाइट कर्फ्यू का लोग खुले आम उल्लघंन करते हुए बड़ी संख्या में रात 11 बजे तक सड़कों (The Roads) पर दिखाए दे रहे है। इससे परेशान प्रशासन ने रात 8 के बाद सड़कों पर बिना वजह घूमनेवाले नागरिकों पर कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज किए। विशेषकर, जिले के कलेक्टर सुनील चव्हाण (Collector Sunil Chavan) और सीपी डॉ. निखिल गुप्ता (CP Dr. Nikhil Gupta) ने गुरुवार रात सड़क पर उतरे और उन्होंने बिना वजह घूमनेवाले नागरिकों पर कार्रवाई की।
गुरुवार को जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई औरंगाबाद दौरे पर थे। इस दौरे में उन्होंने प्रशासन को कोरोना महामारी को रोकने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने के निर्देश प्रशासन को दिए। पालकमंत्री औरंगाबाद से लौटते ही प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू का जायजा लेने की ठानी। कलेक्टर सुनील चव्हाण और सीपी डॉ. निखिल गुप्ता नाइट कर्फ्यू लगते ही रात 8 बजे के बाद लाव लष्कर के साथ सड़क पर उतरे।
जुर्माना लगाया गया
कलेक्टर कार्यालय से निकट अन्ना भाऊ साठे चौक में दुपहिया और चौपहिया वाहनों को रोककर बाहर आने का कारण पूछा। जो लोग बिना वजह घूमते हुए पाए गए, उन पर जुर्माना लगाया गया। बल्कि, कई वाहन धारकों पर मामले भी दर्ज किए। प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदम से रात 8 के बाद बिना वजह घूमनेवाले नागरिकों में खलबली मची है। विशेषकर, युवक बड़ी संख्या में सड़कों पर देर रात घूमते हुए नजर आने की शिकायतें प्रशासन के पास बड़े पैमाने पर आने के बाद खुद कलेक्टर सुनील चव्हाण व सीपी डॉ. निखिल गुप्ता सड़क पर उतरे और उन्होंने कार्रवाई की। कई लोगों ने अस्पताल जाने तथा दवाईयां लाने का बहाना कर कार्रवाई से बचने का प्रयास किया, परंतु साठे चौक में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात होने से बिना वजह सड़कों पर उतरे युवा और नागरिक कार्रवाई बच नहीं पाए। पुलिस कमिश्नर डॉ. निखिल गुप्ता ने साफ कहा कि जो लोग नाइट कर्फ्यू में बिना वजह घूमते हुए नजर आएंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।