Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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    औरंगाबाद : महाराष्ट्र में कोयले (Coal) का स्टॉक (Stock) समाप्त हो चुका है। कोयले के लिए केंद्र सरकार (Central Government) से भी किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पा रही है। केंद्र सरकार रेलवे (Railway) से कोयला लाने के लिए रैक भी उपलब्ध नहीं कर रहा है।

    राज्य सरकार (State Government) द्वारा आयात किया हुआ कोयला लाने के लिए दिल्ली में राज्य बिजली कंपनियों के आला अधिकारी डटे हुए है। उसके बाजवूद केंद्र सरकार से उन्हें किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। कोयला न होने पर राज्य सरकार बिजली का उत्पादन कहां से करेंगा? यह सवाल राज्य के उर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (Dr. Nitin Raut) ने करते हुए राज्य में लोडशेडिंग करना राज्य सरकार की मजबूरी होने की बात कहीं। 

    मंगलवार को औरंगाबाद दौरे पर पहुंचे डॉ. नितिन राउत ने गांधी भवन में कांग्रेस द्वारा  आयोजित एक व्याख्यान कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। तब उन्होंने राज्य में लोडशेडिंग करना उर्जा मंत्रालय की मजबुरी होने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालिन मौसम आरंभ होते ही राज्य में बिजली की मांग बढ़ी है। इसलिए अन्य राज्यों से बिजली खरीदने की तैयारी जारी है। पैसे देकर भी अन्य राज्यों से बिजली नहीं मिल पा रही है। 

    अन्य राज्यों में भी कमोबेश यही स्थिति 

    एक सवाल के जवाब में उर्जा मंत्री डॉ. राउत ने बताया कि ग्रीष्मकालिन मौसम में अन्य राज्यों भी बिजली की डिमांड बढ़ी है। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश में 50 प्रतिशत लोडशेडिंग की जा रही है। वहीं, गुजरात में सप्ताह में एक दिन उद्योगों की बिजली बंद की जा रही है। राज्य में बिजली निर्मिती करने वाले कारखानों में एक से दो दिन पर्याप्त इतना ही कोयला का स्टॉक उपलब्ध है। इसलिए अन्य देशों से आयात किया हुआ कोयला प्राप्त करने के लिए बिजली कंपनी के आला अधिकारी दिल्ली में डेरा जमाए हुए है। लेकिन, केंद्र सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। रेलवे विभाग द्वारा भी  कोयला लाने के लिए रैक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है। वहीं, दूसरी तरफ सुरज आग उगलने से आए दिन ट्रांसफार्मर फेल होने की घटनाओं में इजाफा होने से बिजली संकट गहरा रहा है। 

    जिन इलाकों में चोरी वहां लोडशेडिंग  

    अंत में राउत ने बताया कि  वर्तमान में बिजली की मांग 9 हजार 300 मैगावैट इतनी है। लेकिन, आपूर्ति सिर्फ 6 हजार 500 मैगावैट की हो रही है। करीब 2 हजार 500 मैगावैट बिजली की किल्लत हो रही है। लोडशेडिंग करना बिजली विभाग की मजबूरी है। जिन इलाकों में बिजली चोरी होने का प्रमाण सहित बिजली बिल की बकाया राधि अधिक है, उन इलाकों में लोडशेडिंग किए जाने की जानकारी डॉ. राउत ने दी।