रिश्वत लेकर सफाई मजदूर कर रहे धडल्ले से अवैध कार्य!

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    औरंगाबाद. औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) में जनता की जरुरी सेवाओं का जिम्मा बीते कुछ सालों से सफाई मजदूरों पर है। संपत्ति कर (Property Tax) लगाने और संपत्ति कर वसूली के अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र देने का महत्वपूर्ण जिम्मा सफाई मजदूरों पर है। महानगरपालिका के नियमानुसार जिन सफाई मजदूरों पर सफाई कार्य करने के अलावा कोई जिम्मा न होने के बावजूद औरंगाबाद महानगरपालिका प्रशासन उनसे महत्वपूर्ण कार्य कराकर ले रहा है। उसका गलत फायदा उठाकर सफाई मजदूर महानगरपालिका कार्यालयों में कार्यरत सीनियर क्लार्क और अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध कार्यों को खुले आम अंजाम दे रहे हैं।

    गुरुवार को प्रभाग-2 में कार्यरत सीनियर क्लार्क (Senior Clark) और सफाई मजदूर 10 हजार की रिश्वत (Bribe) लेते हुए पकड़े जाने के बाद फिर एक बार औरंगाबाद महानगरपालिका में हर कार्य के लिए रिश्वत दिए बिना कोई कार्य न होने की बात सामने आई है। गुरुवार को संपत्ति कर लगाने के लिए रिश्वत लेते हुए महानगरपालिका कर्मचारी पकड़े जाने की घटना उजागर होने के बाद महानगरपालिका में खलबली मची है। महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि सफाई मजदूर सभी प्रभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालकर रिश्वत खोरी के सहारे अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे है। जिससे महानगरपालिका के आवक को ब्रेक लग रहा है।

    रिश्वत खोरी के चलते वसूली में नहीं आ रही तेजी 

    शहर में सफाई के लिए कई मजदूर प्रतिदिन ठेका पध्दति पर काम कर रहे हैं। वहीं, सालों पूर्व महानगरपालिका में स्थायी रुप से सफाई मजदूर पद पर भर्ती हुए अधिकतर  कर्मचारी, क्लार्क अथवा चपरासी बनकर सभी प्रभाग कार्यालयों और विविध विभागों में काम कर रहे हैं। इन सफाई मजदूरों पर टैक्स लगाने और टैक्स वसूली के अलावा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने के महत्वपूर्ण कार्य दिया गया है। महानगरपालिका के नियमों के अनुसार उनका इन कार्यों से कोई लेना-देना नहीं हैं। बल्कि, इन कार्यों में कोई गडबडिय़ा होने पर उन पर कार्रवाई करने का कोई दायित्व भी नहीं होता है। इसी का फायदा उठाकर सफाई मजदूर अपने वरिष्ठ सीनियर क्लार्क और अधिकारियों से मिलीभगत कर टैक्स लगाने और टैक्स वसूली में समय देने के लिए प्रतिदिन हजारों रुपए की रिश्वत वसूल रहे है। यह सिलसिला खुले आम महानगरपालिका के सभी प्रभाग कार्यालयों में जारी हैं। जिससे महानगरपालिका की वसूली का ग्राफ नहीं बढ़ पा रहा है।

    प्रमाणपत्र देने का गोरखधंधा तेजी पर 

    महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का जिम्मा भी इन सफाई मजदूरों पर है। अपने जिम्मे का दुरुपयोग कर यहीं सफाई मजदूर रिश्वत लेकर खुले आम अवैध जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र धडल्ले से नागरिकों को सौंप रहे है। महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि महानगरपालिका का अधिकतर कामकाज कम्प्यूटरी कृत होने के साथ ही डिजीटाईलेशन साइन का होने से उसका फायदा सफाई मजदूर उठाकर धडल्ले से बिना दस्तोवजों की जांच किए अथवा फर्जी दस्तावेजों के सहारे अवैध रुप से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बांटने का गोरखधंधा जारी रखे हुए है। इस कार्य के लिए हर कार्यालय में कार्यरत सफाई मजदूर वरिष्ठों के आशिर्वाद से मोटी रकम वसूल रहे है।

    वार्ड अधिकारी शक के घेरे में 

    सूत्रों ने बताया कि संपत्ति कर लगाने के लिए कोई संपत्ति धारक महानगरपालिका के पास पहुंचने पर उसे निचले कर्मचारी संपत्ति कर लगाने के लिए रिश्वत मांगने का सिलसिला बदस्तुर जारी है। यहीं कारण हैं कि कई संपत्ति धारक रिश्वत देने की इच्छा न होने से कर लगाने से कन्नी काट लेते हैं। सूत्रों ने बताया कि टैक्स लगाने के लिए कर्मचारियों द्वारा तैयार की फाइल पर वार्ड अधिकारी अपने कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगते है। जिसके चलते निचले कर्मचारी खुले आम संपत्ति धारक को कर लगाने के लिए रिश्वत मांग रहे है। गुरुवार को एसीबी के जाल में फंसे महानगरपालिका के दोनों कर्मचारियों के गिरफ्तारी के बाद यह साफ हुआ है कि महानगरपालिका में संपत्ति कर लगाने के लिए भी शहरवासियों को रिश्वत सौंपनी पड़ रही है। इस मामले को महानगरपालिका प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय ने गंभीरता से लेकर इन रिश्वतखोरों को लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है।