गंगापुर चीनी मिल चुनाव में हार से बौखलाए MLA प्रशांत बंब, शरद पवार पर लगाया यह आरोप, कही ये बात

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    औरंगाबाद : जिले के गंगापुर चीनी मिल (Gangapur Sugar Mill) के चुनाव (Election) के परिणाम सोमवार को घोषित हुए। चीनी मिल के चुनाव में बीजेपी के गंगापुर के विधायक प्रशांत बंब (MLA Prashant Bamb) के पैनल को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। उद्धव ठाकरे की शिवसेना प्रणित कृष्णा पाटिल डोणगांवकर के पैनल ने सभी 20 स्थानों पर कब्जा जमाकर गंगापुर चीनी मिल पर अपना परचम लहराया। इस हार से बौखलाए गंगापुर के बीजेपी विधायक प्रशांंत बंब ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का नाम लिए बिना कहा कि बारामती के ‘काका’ ने राज्य में सहकारी संस्था में भ्रष्टाचार के अड्डे बनाए रखें हैं। 

    गंगापुर चीनी मिल के चुनाव में मिली हार पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक प्रशांत बंब ने प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का नाम लिए बिना उन पर जोरदार हमला किया। विधायक बंब ने कहा कि चीनी मिल और सहकारी बैकों के सहारे बारामती के काका ने भ्रष्टाचार के अड्डे पनपाए हैं। उसी के सहारे उनके अनुयायी झूठे प्रचार और प्रसार के अलावा उनके द्वारा फैलायी झूठी अफवाहों से किसान, सभासद और नागरिक उनके जाल में फंस रहे हैं। यह सारा खेल सालों से जारी है। परिणाम देखकर मैं काफी आश्चर्य चकित हुआ। विधायक ने कहा कि सोमवार को जब गंगापुर चीनी मिल के चुनाव का परिणाम आया और मेरे पैनल के सभी 20 सदस्य हार गए तब मैं आश्चर्य चकित रहा क्योंकि बारामती के काका के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जाता है। 

    एक सवाल के जवाब में विधायक बंब ने कहा कि राज्य में मैं ही एक ऐसा विधायक था, जिसने बंद पड़े हुए चीनी मिल को फिर से शुरु करने के लिए प्रयास किया।  गंगापुर चीनी मिल को बचाने के लिए करोड़ों रुपए मित्रों के सहायता से वहां निवेश किए। विरोधियों ने कोर्ट में मामले चलाकर 6 महीने तक किसानों को परेशान किया। इसके बावजूद किसानों ने उनके हाथ गंगापुर चीनी मिल की सत्ता सौंपी। इस पर विधायक बंब ने आश्चर्य जताते हुए बार-बार शरद पवार का नाम लिए बिना उन पर जोरदार निशाना साधा। 

    यह सिलसिला 50 सालों से अधिक समय से जारी है 

    उन्होंने एनसीपी के नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि शरद पवार के अनुयायियों ने ही सहकारी संस्था, सहकारी बैंकों और संस्थानों पर कब्जा जमाकर वहां  भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया हैं। उनके झांसे में किसान बार-बार आकर उन्हें सहकारी संस्था और सहकारी बैकों पर सत्ता सौंपते हैं। यह सिलसिला पिछले 50 सालों से अधिक समय से जारी है। यही प्रयोग गंगापुर चीनी मिल के चुनाव में भी हुआ गया। जिसके चलते मेरे पैनल को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि गंगापुर चीनी मिल के लिए हुए चुनाव में प्रमुख मुकाबला विधायक प्रशांब बंब के नेतृत्व में शेतकरी सभासद कामगार पैनल और कारखाने के पूर्व चैयरमैन और उद्धव ठाकरे की शिवसेना नेता कृष्णा पाटिल डोणगांवकर के नेतृत्व में शिवशाही किसान विकास पैनल के बीच हुआ था।