नई पेयजल योजना के कार्य पर विभागीय आयुक्त कछुआ की गति से जारी काम को लेकर अधिकारियों पर भड़के

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    औरंगाबाद : प्रशासन द्वारा लाख कोशिशों के बावजूद शहर की पेयजल (Drinking Water) समस्या हल करने के लिए हाथ में ली गई 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि की पेयजल योजना (Drinking Water Scheme) के काम का ठेका ली जीवीपीआर कंपनी द्वारा बीते कई महीने से योजना का काम कछुआ (Turtle) के गति से जारी है। कंपनी, महानगरपालिका और  महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ विभागीय आयुक्त सुनील केन्द्रेकर ने योजना का जायजा लेने के लिए एक बैठक ली। बैठक में कंपनी द्वारा योजना के काम में की जा रही लापरवाही पर केन्द्रेकर खूब भड़के। उन्होंने कंपनी और एमजेपी के अधिकारियों को चेताया कि योजना के काम में गति लाए, वरना सख्त कदम उठाए जाएंगे। केन्द्रेकर का गुस्सा देखकर कंपनी और एमजेपी के अधिकारियों की कुछ समय के लिए पैरों तले जमीन खिसकी। 

    गौरतलब हो कि बितों दिनों मुंबई हाईकोर्ट के औरंगाबाद बेंच ने शहर की पेयजल समस्या हल करने के लिए हाथ में ली गई नई पेयजल योजना का काम कछुआ के गति से जारी होने को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए विभागीय आयुक्त सुनील केन्द्रेकर के अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर योजना के काम को गति देने के निर्देश दिए थे। यह समिति हर सप्ताह नई पेयजल योजना का काम का जायजा ले रही है। विभागीय आयुक्त केन्द्रेकर के अध्यक्षता में योजना का काम हाथ में ली जीवीपीआर कंपनी, महानगरपालिका और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। 

    केन्द्रेकर का गुस्सा देख कंपनी के अधिकारी स्तब्ध 

    बैठक आरंभ होते ही केन्द्रेकर ने योजना का काम कछुआ के गति से जारी होने को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा। तब कंपनी और एमजेपी के अधिकारियों ने हमेशा की तरह बारिश और अन्य कारण दिखाकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया। इस पर केन्द्रेकर खूब आग बबूला हुए। उन्होंने चेताते हुए साफ कहा कि कब तक आपके कारण सुनेेंगे। कई महीने गुजर गए, कंपनी द्वारा हर बार नए-नए कारण दिखाकर योजना के काम को गति नहीं दी जा रही है। मुख्य पाइप लाइन का काम को ब्रेक लगा हुआ है। अंतर्गत पाइप लाइन का काम भी बंद है। पानी की टंकियों के निर्माण का काम भी कछुआ के गति से जारी है। कई बार सख्त निर्देश देने के बावजूद कंपनी द्वारा योजना के काम में किसी प्रकार का सुधार न आने पर केन्द्रेकर आग बबूला हुए। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को चेताया कि योजना के काम में गति लाए, वरना हमें योजना का काम पूरा करने के लिए अलग से विचार करना होगा। विभागीय आयुक्त का गुस्सा देख कंपनी और एमजेपी के अधिकारी कुछ समय एक दूसरे का चेहरा देखने के लिए मजबूर थे। 

    एमजेपी द्वारा कंपनी के बचाव पक्ष पर भी भड़के केन्द्रेकर

    बैठक में केन्द्रेकर ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा हमेशा की तरह कंपनी के काम पर किए जा रहे बचाव पर भी खूब राग अलापते हुए अधिकारियों को चेताया कि वे योजना के काम को गति दे, वरना मैं आपके वरिष्ठों को शिकायत करता हूं। अधिकारियों पर कार्रवाई करने में बहुत अधिक समय नहीं लगेगा। केन्द्रेकर का गुस्सा देख एमजेपी अधिकारियों की भी बोलती बंद हुई। बैठक में महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी, अतिरिक्त आयुक्त रविन्द्र निकम, एमजेपी के मुख्य अभियंता आरवी लोलापोड, कार्यकारी अभियंता अजयसिंह, उपायुक्त डॉ. संतोष टेंगले, कार्यकारी अभियंता एमबी काजी, किरण धांडे, उपायुक्त राहुल सूर्यवंशी, केएम फल, एमवी बाविस्कर सहित मनपा के पेयजल आपूर्ति विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।