Cyber fraud Chembur Woman

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    औरंगाबाद : भारतीय सेना (Indian Army) दल में कार्यरत एक अधिकारी को फ्लिपकार्ट कस्टमर हेल्पलाईन (Flipkart Customer Helpline) का फर्जी नंबर (Fake Number) देकर उसके सहारे एनी डेस्क एप (Any Desk App) डाउनलोड (Download) कराकर 1 लाख रुपए को चूना लगाने का मामला सामने आया था। लेकिन, शहर पुलिस आयुक्तालय (Police Commissionerate) के साइबर पुलिस की तत्परता से आर्मी ऑफिसर के खाते से लूटी हुई राशि वापस मिल गए। 

    औरंगाबाद साइबर थाना के पीआई गौतम पतारे ने बताया कि बीते दिनों भारतीय सेना दल के औरंगाबाद विभाग में कार्यरत एक अधिकारी ने फ्लिपकार्ट से ट्रैक सूट मंगाया था। ट्रैक सूट गलत साईज के आने के कारण उक्त अधिकारी ने गुगल पर फ्लिपकार्ट का कस्मटर हेल्पलाईन ढूंढा। तब उन्हें साइबर अपराधी द्वारा गुगल पर लोड किया हुआ दूरभाष क्रमांक मिला। उस नंबर पर आर्मी अधिकारी ने कॉल करने पर अपराधी ने एनी डेस्क एप डाउनलोड कराने के बहाने एटीएम की सारी जानकारी हासिल करते हुए आर्मी अधिकारी के खाते से 1 लाख रुपए  निकाल लिए। उसके बाद ट्रैक सूट की रकम जल्द मिलने का आश्वासन देकर फोन रख दिया।

    औरंगाबाद साइबर पुलिस से संपर्क किया

    देर शाम अधिकारी को अपने खाते से 1 लाख रुपए निकाले जाने की भनक लगने पर आर्मी अधिकारी ने तत्काल औरंगाबाद साइबर पुलिस से संपर्क किया। साइबर थाना में कार्यरत पुलिस कर्मचारी धनंजय सानप, सुशांत शेलके, विजय घुगे ने हरकत में आते हुए संबंधित वॉलेट को ई मेल द्वारा पत्र व्यवहार कर फंसाकर लूटी हुई 1 लाख की राशि आर्मी अधिकारी के खाते में दूबारा प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। रकम मिलने पर आर्मी अधिकारी ने साइबर थाना पहुंचकर पीआई पतारे, पुलिस कर्मचारी धनंजय सानप, सुशांत शेलके और विजय घुगे का अभिनंदन किया। यह कार्रवाई शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, डीसीपी अर्पणा गिते, एसीपी विशाल ढुमे के मार्गदर्शन में पीआई गौतम पतारे, पुलिस कर्मचारी धनंजय सानप, सुशांत शेलके, विजय घुगे ने पूरी की।

    अनजान व्यक्ति को ना दे बैंक की जानकारी 

    साइबर थाना के पीआई गौतम पातारे ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनजान फोन कॉल, मेसेज या फिर लिंक पर विश्वास रखकर अपने बैंक खाते की जानकारी अनजान व्यक्ति को ना दे। पीआई पतारे ने कहा कि कोई भी बैंक खाता धारक की निजी जानकारी फोन द्वारा हासिल नहीं करता है। बैंक खाते के बारे में जानकारी के लिए संबंधित बैंक की शाखा में जाकर जानकारी ले। कोई भी नागरिक साइबर अपराधियों के झांसे में आकर फंसता है तो वह तत्काल साइबर पुलिस से संपर्क करें।