Thackeray government conspired to end OBC reservation forever: Atul Save

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    औरंगाबाद : न्यायालय (Court) में दायर हुए हर मामले में राज्य सरकार (State Government) की बुरी तरह बेइज्जती होने के बावजूद ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का प्रशन हल करने  के लिए जानबूझकर अनेदखी करनेवाले ठाकरे सरकार (Thackeray Government) की नीयत  साफ हो चुकी है। ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण देने की सरकार के तीनों दलों की इच्छाशक्ति नहीं है। बल्कि, ठाकरे सरकार एक साजिश के तहत हमेशा के लिए ओबीसी आरक्षण खत्म करना  चाहती है। यह आरोप भाजपा के प्रदेश महासचिव और विधायक अतुल सावे ने गुरुवार शाम आयोजित प्रेस वार्ता में लगाया।

    उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य की ठाकरे सरकार को  फटकार लगाने के बावजूद इस मामले में केंद्र सरकार पर आरोप कर अपनी जिम्मेदारी हाथ झटकने का खेल महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा जारी है। सावे ने कहा कि ओबीसी के आरक्षण की पुनर्स्थापना करने के लिए इम्पीरिकल डेटा तैयार करना एक मात्र उपाय है। उसके लिए सरकार जानबूझकर अनदेखी कर ओबीसी समाज का आरक्षण हमेशा के लिए खत्म करने के फिराक में हैं। 

    15 महिने अपनायी चालढकल की नीति 

    भाजपा  प्रदेश महासचिव ने कहा कि असलियत में राज्य के तत्कालीन सीएम देवेन्द्र फडणवीस द्वारा 31 जुलाई 2019 को जारी किए हुआ अध्यादेश कानून में परिवर्तन करने में जानबूझकर चालढकल की नीति अपनाई। जिससे अध्यादेश रद्द हुआ था, तभी ठाकरे सरकार का रास्ता साफ हुआ था। उसके बाद अदालत के आदेश पर कार्यवाही करने में ठाकरे सरकार ने करीब 15 माह का समय बरबाद किया। आरक्षण की मियाद 50 प्रतिशत से अधिक होने का बहाना कर उसे बहाल करने के मार्ग खुद ही बंद कर दिया। उसके बाद न्यायालय ने इम्पीरिकल डेटा तैयार करने के बारे में ठाकरे  सरकार को दूसरी बार खरी खोटी सुनाई। 

    इम्पीरिकल डेटा जल्द तैयार करना आरक्षण स्थापित करने का मार्ग 

    इम्पीरिकल डेटा जल्द से जल्द तैयार करना यह आरक्षण स्थापित करने का सही मार्ग है। इसको लेकर विरोधी पक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस ने विधि मंडल और  मुख्यमंत्री ठाकरे के साथ हुई बैठक में ध्यान आकर्षित किया था। राज्य सरकार ने संसाधनों की उपलब्धता कराने पर कम से कम समय में डाटा तैयार करने गवाही पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिए जाने के बावजूद आयोग की मांगों को अनदेखी कर ठाकरे सरकार के  मंत्री ही आरक्षण के लिए बार-बार आंदोलन कर जनता की दिशाभूल करने का आरोप विधायक सावे ने लगाया। उन्होंने कहा कि बार-बार केन्द्र सरकार की ओर उंगली दिखाकर राज्य सरकार ओबीसी समाज को आरक्षण देने से दूर भाग रही है। 

    सड़क पर उतरकर दी आंदोलन की चेतावनी

    विधायक सावे ने सरकार को चेताया कि वे जानबूझकर ओबीसी आरक्षण देने से कन्नी ना काटे। न्यायालय ने राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण मामले में कड़ी  फटकार लगाने के बावजूद ठाकरे सरकार अलग-अलग चाल खेल रही है। सरकार को इस मामले में तत्काल निर्णय लेने के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भाजपा प्रदेश महासचिव अतुल सावे ने दी। अंत में सावे ने कहा कि ठाकरे सरकार इस मामले मे अपनी इज्जत बचाने के लिए केन्द्र सरकार पर ठिकरा फोड़ने  के बजाए ओबीसी आरक्षण के लिए जरुरी कार्यवाही करें यह मांग की। प्रेस वार्ता में ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महासचिव बापू घडामोडे, प्रदेश सचिव प्रविण घुगे, अल्पसंख्याक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष एजाज देशमुख, महासचिव राजेश मेहता, डॉ. राम बुधवंत आदि उपस्थित थे।