Aurangabad Municipal Corporation

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    औरंगाबाद : पिछले कुछ सालों से महानगरपालिका (Municipal Corporation) की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। इसी दरमियान कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के पांव पसारने से महानगरपालिका के समक्ष और अधिक आर्थिक संकट (Economic Crisis) गहराने की आशंका थी। लेकिन, महानगरपालिका के नगर रचना विभाग ने महामारी के काल में भी 236 करोड़ 90 लाख रुपए की वसूली की है। गत वर्ष के तुलना में यह वसूली दुगूना है।  इसको लेकर शहर के पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले ने महानगरपालिका मुख्यालय पहुंचकर वसूली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नगरचना विभाग के संचालक एबी देशमुख, कर मूल्यांकन अधिकारी अपर्णा थेटे  का सत्कार किया।

    गत दो साल से कोरोना महामारी के संकट के चलते लोग आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे थे। ऐसे में महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति और अधिक कमजोर होने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन, शहर के आस-पास आए दिन निर्माण कार्य बड़ी संख्या में होने से महानगरपालिका द्वारा दी गई निर्माण कार्य की परमिशन से रिकॉर्ड ब्रेक राजस्व मिला। महानगरपालिका के नगर रचना विभाग के उप संचालक एबी देशमुख ने बताया कि महनगरपालिका को निर्माण कार्य की इजाजत, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकट और ले आउट के फाइल से आर्थिक वर्ष 2021-22 में 157 करोड़ 62 लाख 55 हजार 409 रुपए का राजस्व मिला।

    वहीं, इससे पूर्व 2019-20 में सिर्फ 38 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। 2020-21 में 71 करोड़ 62 लाख रुपए जमा हुए थे। देशमुख ने बताया कि गत 6 माह से गुंठेवारी अधिनियम के अंतर्गत अवैध निर्माण कार्यों को वैध कराने का काम जारी है। गुंठेवारी अधिनियम से महानगरपालिका की तिजोरी में 78 करोड़ 90 लाख 43 हजार 643 का रुपए का राजस्व जमा हुआ। जिसेक चलते नगर रचना का कुल उत्पन्न 236 करोड़ 90 लाख रुपए पर पहुंचा।

    देशमुख ने कहा कि महानगरपालिका के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उत्पन्न प्राप्त हुआ है। इधर, संपत्ति कर विभाग ने भी उपायुक्त अपर्णा थेटे के मार्गदर्शन में रिकॉर्ड ब्रेक 167 करोड़ 18 लाख रुपए कर वसूला। महानगरपालिका के तिजोरी में बड़े पैमाने पर राजस्व जमा होने को लेकर शहर के पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले ने नगर रचना विभाग के उप संचालक एबी देशमुख, उपायुक्त अपर्णा थेटे का सत्कार किया।