एजुकेशन, तकनीक और व्यापार को लेकर संभाजीनगर का जर्मनी के साथ होगा आदान-प्रदान

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  • मनपा प्रशासक जी. श्रीकांत ने जर्मनी से लौटकर दी जानकारी
छत्रपति संभाजीनगर: छत्रपति संभाजीनगर (Sambhajinagar) शहर व जर्मनी (Germany) के इंगोलस्टार, हिल्डेसहाईम शहरों के बीच शिक्षा (Education), तकनीक (Technology) तथा व्यापार (Trade) के आदान-प्रदान को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इसके तहत शहर के 30 से 60 छात्र जर्मनी की शिक्षा प्रणाली की जानकारी हासिल करने संभाजीनगर से जर्मनी जायेंगे। वहीं जर्मनी के बच्चे शहर की शिक्षा प्रणाली की जानकारी हासिल करने संभाजीनगर पहुंचेंगे। इसको लेकर अगले वर्ष शहर के छात्र का जर्मनी जाने का प्रबंध किया जाएगा। यह जानकारी मनपा प्रशासक जी. श्रीकांत ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
 
 
बता दे कि बीते सप्ताह जर्मनी के हिल्डेसहाईम शहर में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय परिषद में हिस्सा लेने मनपा प्रशासक जी. श्रीकांत, शहर अभियंता एबी देशमुख, स्मार्ट सिटी अर्पिता शरद जर्मनी पहुंचे थे। हाल ही में जर्मनी से लौटे प्रशासक जी. श्रीकांत ने आयोजित प्रेस वार्ता में जर्मनी के दौरे को कामयाब मानते हुए बताया कि संभाजीनगर शहर व जर्मनी के इंगोलस्टाड शहर के साथ सिस्टर करार हुआ है।इसके तहत हमने इंगोलस्टार शहर के मेयर व नगरसेवकों से मुलाकात कर मौसम में बदलाव, बच्चों के लिए उपलब्ध खेलने की सुविधा, 
घनकचरा व्यवस्थापन इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
 
 

आदान-प्रदान के लिए जर्मनी के विविध संस्था, एनजीओ करेंगी मदद
मनपा प्रशासक जी. श्रीकांत ने बताया कि जर्मनी के इंगोलस्टार शहर तथा भारत के छत्रपति संभाजीनगर शहर के बीच आदान-प्रदान करने के लिए जर्मनी की विविध सामाजिक संस्था, एनजीओ व फाउंडेशन मदद करेंगी। उसके लिए कई करार किए जाएंगे। यह करार केन्द्र के विदेश मंत्रालय के राजदूत के माध्यम से होंगे। जर्मनी के इंगोलस्टार शहर का यूरोप, रशिया, अमेरिका जैसे देशों के कई शहरों के साथ करार है। उसी प्रकार का करार शहर के साथ किया जायेगा।

जर्मनी में शिक्षा को लेकर बरती जाती है सख्ती
एक सवाल के जवाब में मनपा प्रशासक जी. श्रीकांत ने बताया कि हमने जर्मनी दौरे के दरमियान पाया कि वहां के बच्चों को शिक्षा मुफ्त में प्रदान की जाती है। विशेषकर, हमारे देश की तरह वहां निजी स्कूलों का बोलबाला नहीं है। जर्मनी के अधिकतर छात्र सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करते है। वहीं, बच्चों को शिक्षा के लिए काफी सख्ती बरती जाती है। निजी स्कूलों में शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों की संख्या काफी कम होती है। निजी स्कूल धारक अपने पास छात्र पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते है।

शहर से जाएंगे 30 से 60 छात्र जर्मनी दौरे पर
मनपा प्रशासक जी. श्रीेकांत ने बताया कि प्रशासन द्वारा जर्मनी की शिक्षा प्रणाली का ज्ञान प्राप्त करने के लिए यहां से 30 से 60 छात्र जर्मनी रवाना होंगे। उसके लिए मैं खुद के शहर के नामचीन स्कूलों के  प्रशासन से चर्चा कर जिस छात्र के माता-पिता अपने खर्च से अपने बच्चे को वहां की शिक्षा प्रणाली की जानकारी हासिल करने जर्मनी भेजकर खर्च वहन करेंगे, उन्हें प्राथमिकता से जर्मनी भेजा जाएगा।

व्यापार के उन्नति के लिए ऑरिक सिटी की विस्तृत जानकारी
प्रशासक जी. श्रीकांत ने बताया कि शहर व परिसर में व्यापार उन्नति के  लिए हमने जर्मनी दौरे के दरमियान शहर से सटे ऑरिक सिटी में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। ताकि, जर्मनी के उद्योजक संभाजीनगर पहुंचकर यहां निवेश कर सके। हमने ऑरिक सिटी की जानकारी देनेवाला एक विस्तृत प्रेजेंटेशन वहां पेश कर वहां के चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों को औरंगाबाद आने का न्यौता दिया।