औरंगाबाद: किसानों (Farmers) को बिजली बिल भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है और फसल बीमा कंपनी का लचर प्रबंधन सामने आया है, किसानों को अभी तक भारी बारिश का मुआवजा नहीं मिला है। राज्य की किसान विरोधी शिंदे सरकार (Shinde Govt.) के खिलाफ शिवसेना (Shiv Sena) ने आक्रमक रुख अपनाते हुए गंगापुर तहसील के इसारवाडी फाटा मार्ग पर विधानपरिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे के नेतृत्व में चक्का जाम आंदोलन किया। इस दौरान शिवसैनिकों ने सड़कों पर चारा जलाकर सरकार का विरोध किया।
इस समय प्रदर्शनकारी शिवसैनिकों ने किसानों को भारी बारिश से राहत मिले, जबरन बिजली बिल वसूली बंद हो, किसानों के खातों में बीमा राशि जमा कराओ, वरना किसान विरोधी सरकार चलते बने के जोरदार नारे लगाए गए। शिवसैनिकों द्वारा किए गए चक्का जाम आंदोलन से महामार्ग पर बड़े पैमाने पर यातायात जाम था। अंबादास दानवे के साथ शिवसैनिकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया, तो पुलिस ने कार्रवाई की और अंबादास दानवे सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
शिंदे-फडणवीस सरकार ने एक भी आश्वासन पूरा नहीं किया
इस मौके पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि जब किसान आसमानी संकट से जूझ रहे हैं तो शिंदे-फडणवीस सरकार किसी भी किसान का बिजली कनेक्शन नहीं काटेगी और जिन किसानों को भारी बारिश से नुकसान हुआ है फसल बीमा जल्द मिलने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, परंतु आज तक राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने एक भी आश्वासन पूरा नहीं किया है। सरकार गत कुछ माह से झुठे आश्वासन देकर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश पर कुंभकर्ण की नींद में सो रही है, शिंदे-फडणवीस सरकार को जगाने के लिए शिवसेना ने सख्त रुख अपनाते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य सरकार को चेताया कि वे किसानों की मांगों को तत्काल पूरा करें, वरना शिवसेना की ओर से और सख्त आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन में इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर उप जिला प्रमुख लक्ष्मण सांगले, अविनाश पाटिल, अंकुश सुंभ, तालुका प्रमुख दिनेश मुथा, सुभाष कंडे, उप तालुका प्रमुख विष्णु जाधव, मनोज पिंपले, पोपट गाडेकर, ज्ञानेश्वर नवले, रमेश नीचित, विश्वंभर शिंदे जिला युवा अधिकारी मच्छिंद्र देवकर, सभापति रवींद्र पोल, उपसभापति संपत छाजेड़, किशोर मगर, ज्ञानेश्वर बोरकर, मनोज जायसवाल, शहर प्रमुख भाग्येश गंगवाल, अमोल शिरसाठ, नंदू राउत, बाबासाहेब मोहिते, कैलाश हिवाले, नारायण थोले, पोपट गाडेकर, लक्ष्मण सुपेकर, बालासाहेब शेलके, बालासाहेब चन्नाघटे, गणेश राउत, करभरी दुबिले, पोपट नरवाडे, प्रवीण दुबिले, कांता सालुंखे, राधेश्याम कोल्हे, गोकुल तांगड़े, नितिन कंजुन, गोविंद वैले, लक्ष्मण बहिर, गणेश राऊत,कारभारी दुबिले, रावसाहेब के अलावा शिवसैनिक, पदाधिकारी, किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।