औरंगाबाद की सड़कों पर रिक्शा चालकों की हड़ताल में स्मार्ट सिटी बस ने निभाई अहम भूमिका, लोगों को मिली राहत

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    औरंगाबाद : आरटीओ विभाग (RTO Department) द्वारा शहर में दौड़ने वाली रिक्शा (Rickshaw) की गई मीटर सख्ती और अन्य मांगों के खिलाफ विविध रिक्शा चालक संगठनाओं (Rickshaw Puller Organizations) की ओर से हड़ताल (Strike) की गई। हड़ताल के चलते शहर की सड़कों पर रिक्शा नदारद थे। शहर की नागरिकों को तकलीफों में स्मार्ट सिटी बस (Smart City Bus) वरदान साबित हुई। दिन भर में शहर में दौड़ने वाली 70 सिटी बसों में 45 हजार नागरिकों ने यात्रा की। जिस से स्मार्ट सिटी बस के किराए के उत्पन्न में हर दिन के मुकाबले 10 लाख से अधिक का इजाफा हुआ। 

    रिक्शा चालक संगठनाओं द्वारा घोषित की गई हड़ताल में शहर के 99 प्रतिशत रिक्शा चालकों ने हिस्सा लिया। हड़ताल के चलते नागरिकों को होने वाली परेशानियों को जानकर औरंगाबाद स्मार्ट सिटी प्रशासन ने पहले से तैयारी कर शहर के प्रमुख मार्गों पर हर दिन के मुकाबले बसों की फेरिया बढ़ाकर शहरवासियों को राहत दी। 

    28 मार्गों पर दौड़ी 70 बसेस 

    स्मार्ट सिटी की मीडिया कनवेनर अर्पिता शरद ने बताया कि आज शहर के 28 मार्गों पर 70 बसेस दौड़ी। इन बसों में दिन भर में 45 हजार से अधिक नागरिकों ने यात्रा की। उससे स्मार्ट सिटी बस के इनकम में 10 लाख रुपए से अधिक का इजाफा हुआ। शहर के सभी इलाकों से दौड़ने वाली बसेस यात्रियों से खचाखच भरी हुई नजर आई। हड़ताल में रिक्शा चालकों ने 100 प्रतिशत हिस्सा लेने से सुबह से लेकर शाम तक शहर की सड़कों से रिक्शा नदारद थी। जिससे मजबूर होकर शहरवासियों को सिटी बस का सहारा लेना पड़ा। अर्पिता शरद ने बताया कि हर दिन शहर के 22 से 23 हजार नागरिक सिटी बस से यात्रा करते है। 

    तीन से चार महीने में शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें

    वहीं, हर दिन का उत्पन्न साढ़े पांच से छह लाख रुपए का होता है। परंतु, हड़ताल के चलते उत्पन्न में 10 लाख रुपए से अधिक का इजाफा हुआ। शहर में सिटी बसों की मांग को ध्यान में रखकर जल्द ही और 20 बसेस चलाने का नियोजन औरंगाबाद स्मार्ट सिटी प्रशासन द्वारा किए जाने की जानकारी मीडिया कनवेनर अर्पिता शरद ने दी। 20 बसों का इजाफा होने पर शहर की सड़कों पर दौड़ने वाली स्मार्ट सिटी बसों की संख्या 90 हो जाएगी। उधर, स्मार्ट सिटी प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रिक बसेस लाने का भी प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। आगामी तीन से चार महीने में शहर की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसेस दौड़ेंगी।