The work of MGM in the field of education is commendable_ Sharad Pawar

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    औरंगाबाद : भगवान गौतम बुद्ध (Lord Gautam Buddha) ने लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने भी लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना जारी रखा। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (NCP National President) और राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) शरद पवार (Sharad Pawar) ने गर्व व्यक्त किया कि महात्मा गांधी मिशन भगवान बुद्ध और बापू के विचारों और मूल्यों को अपनाकर शिक्षा के क्षेत्र में कष्टों को दूर करने का काम कर रहा है। उन्होंने यह बात महात्मा गांधी मिशन (एमजीएम) की 39वीं वर्षगांठ और एमजीएम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के अवसर पर कही।

    लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री राजेश टोपे, विधायक विक्रम काले, सांसद इम्तियाज जलील, महात्मा गांधी मिशन के अध्यक्ष कमल किशोर कदम, उपाध्यक्ष डॉ. पी. एम. जाधव, एमजीएम विश्वविद्यालय के सचिव और कुलाधिपति अंकुशराव कदम, ट्रस्टी सुधीर कदम, नितिन कदम, कुलपति डॉ.  विलास सपकाल, कुलपति, एमजीएम स्वास्थ्य विश्वविद्यालय शशांक दलवी, कृषि भूषण विजयन्ना बोराडे, द्वारकाभाऊ पथिकर, रंगनाथ काले, भाऊसाहेब राजले, डॉ. नामदेवराव गाडेकर उपस्थित थे।

    एमपी शरद पवार ने ऑनलाइन एमजीएम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन की आधारशिला का अनावरण किया। तो मंत्री राजेश टोपे ने रिबन काटकर भवन का उद्घाटन किया। शरद पवार ने आगे कहा कि 40 साल पहले महात्मा गांधी मिशन की आधारशिला रखी गई थी। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि वह पद छोड़ने के बाद क्या करेंगे। एमजीएम न केवल कुछ हिस्सों तक सीमित रहेगा बल्कि देश की राजधानी के पास नोएडा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्रदान करेगा।

    गांधी के विचारों से संगठन का काम हो रहा है

    देश-विदेश के छात्र इसमें काफी योगदान दे रहे हैं। हमें इन छात्रों से मिलकर बहुत गर्व हो रहा है और हम उल्लेख करते हैं कि वे एमजीएम से संबंधित हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ संगठन सामाजिक प्रतिबद्धता बनाएं रखने और जरूरतमंदों की मदद करने में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एमजीएम अस्पताल ने जिस तरह से पहल की और कोरोना काल में मरीजों की देखभाल की वह काबिले तारीफ है। एमजीएम द्वारा लगाया गया पौधा एक बड़े पेड़ में बदल गया है और इसकी छाया समाज के उपेक्षित वर्गों को मिल रही है। गांधीवादी विचार अब पूरी दुनिया में फैल गया है और यही वह विचार है जिसने पहले ही महात्मा गांधी मिशन को प्रेरित किया है। शरद पवार ने कहा कि मुझे गर्व है कि गांधी के विचारों से संगठन का काम हो रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय मानक एमजीएम विश्वविद्यालय की पहचान

    मुख्य अतिथि राजेश टोपे ने कहा कि एमजीएम की दुनिया कमल किशोर कदम की दूरदृष्टि और अंकुशराव कदम के कार्यों से संभव हुई है। शरद पवार ने किताबों से ज्यादा लोगों को पढ़ा है, इसलिए उन्हें वॉकिंग यूनिवर्सिटी कहा जाता है। यह पहली बार नहीं है जब मैंने इस पोस्ट को पढ़ा है। शिक्षा की नई शाखाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए एमजीएम ने प्रगति की है और सभी प्रकार की शिक्षा का एक नेटवर्क बनाया है। उन्होंने एमजीएम विश्वविद्यालय के काम की सराहना करते हुए कहा कि छात्र केंद्रित, समावेशी, भविष्योन्मुखी शिक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानक एमजीएम विश्वविद्यालय की पहचान हैं।

    एमजीएम हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा का केंद्र रहा है

    संस्था के अध्यक्ष कमल किशोर कदम ने अपने परिचयात्मक भाषण में कहा कि एमजीएम हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों और मरीजों के लिए आशा का केंद्र रहा है। हमने मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए गौतम बुद्ध की प्रतिज्ञा को अपनाया है और हम उस पर काम कर रहे हैं। इसके लिए शरद पवार को हमेशा समर्थन मिला। इस बीच, एमजीएम विश्वविद्यालय के कुलपति अंकुशराव कदम ने एमजीएम विश्वविद्यालय के गठन के पीछे की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा शरद पवार का समर्थन मिला है।” हम एक ऐसा विश्वविद्यालय बनाना चाहते थे जहां किसी भी विषय की मनाही न हो। विश्वविद्यालय की स्थापना सभी संकायों को एक साथ लाने के लिए की गई थी। बुद्ध के अनुसार शरीर और वाणी से किसी को दुख नहीं देना चाहिए, दूसरों को सुख देना चाहिए और मन को स्वच्छ रखना चाहिए। हमारा विचार है कि एमजीएम विश्वविद्यालय को भी यही नीति अपनानी चाहिए।

    गुणवत्ता अध्ययन की त्रय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा

    कुलपति डॉ. विलास सपकाल ने एमजीएम विश्वविद्यालय की नींव रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एमजीएम विश्वविद्यालय में 281 पाठ्यक्रम हैं जिनमें 2189 छात्र अध्ययन कर रहे हैं। हम अंतःविषय के साथ-साथ बहु-विषयक शिक्षा पर जोर देते हैं और विश्वविद्यालय शिक्षा में विविधता लाने का प्रयास करेंगे। विश्वविद्यालय विश्व स्तर के सहयोग, उपयोगी अनुसंधान और गुणवत्ता अध्ययन की त्रय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा कि सर्वांगीण विकास के साथ एक आदर्श छात्र यहां से निकले।

    इस बीच इस बार महात्मा गांधी मिशन की पूरी यात्रा पर आधारित एक वीडियो दिखाया गया। महात्मा गांधी मिशन और एमजीएम यूनिवर्सिटी, एमजीएम की होम मैगजीन, एमजीएम इंस्पायर, एमजीएम विस्टा, एमजीएम क्लीन इंडिया मैगजीन की वार्षिक रिपोर्ट जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कॉलेज के छात्रों द्वारा तैयार की गई थी। कार्यक्रम की मेजबानी डॉ. आशा देशपांडे, देवाशीष शेगे, डॉ. परमिंदर कौर ने किया। एमजीएम यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. आशीष गाडेकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।