
- गर्मी के दस्तक देते ही भाव में उछाल
भंडारा. विदर्भ क्षेत्र में भोजन में मिर्च-मसाले का उपयोग राज्य के अन्य हिस्सों की तुलना में जरा ज्यादा ही होता है. सब्जी में मिर्च तेल मसाला और नमक सब कुछ ठीक मात्रा में हो तो उसकी बात ही कुछ और होती है. लेकिन जब मिर्च- मसाले के दाम में तेजी का तड़का लगता है तो खाने वाले कहते हैं कि भाव में यह तेजी ठीक नहीं है. गर्मी के दस्तक देते ही मिर्च- मसाले की दामों में तेजी होने लगती है, यह तेजी इस वर्ष भी देखी जा रही है.
भोजन में अगर सब्जी न हो तो लगता है कि खाना ठीक से नहीं हुआ, लेकिन अगर उस सब्जी में मिर्च-मसाला न हो तो सब्जी खाने का कोई मतलब ही नहीं रहता. शाकाहारी हों या मांसाहारी सभी के खाने मे तेल, मसाला, मिर्च, नमक का उपयोग तो होता ही है. सब्जी को तभी अच्छा माना जाता है, जब उसमें सब कुछ सही मात्रा में डाला गया हो, लेकिन जब मिर्च- मसालों की दामों में वृद्धि होती है, तो महीने का बजट गड़बड़ा जाता है. वर्तमान में मिर्च-मसाले के प्रति किलो दाम पर नज़र डाले तो पता चलता है कि ये दाम बहुत ज्यादा भड़के हुए हैं.
दामों पर एक नजर
भंडारा शहर के बाजारों का सर्वेक्षण करने पर पता चला कि मसाले के प्रति किलो के दाम में 40 से 160 रु. तक की तेजी आई है. उत्पादन तथा आपूर्ति दोनों में कमी के कारण भी मिर्च-मसालों के दाम में तेजी आई है. धनिया प्रति किलो दाम 140 रु., जीरा 220 रु., लवंग 1000 रु., छडेला का भाव 1000 रु. है. इसी तरह तिल का प्रति किलो दाम 160, खसखस का दाम 1,600 रु., कर्णफूल 800 रु., मोटी सौंफ का दाम 240 रु., खोबरा 280 रु., मेथी 120 रु., तेजपत्ता 2,800 रु., नागेश्वर 2,000 रु., हल्दी 160 रु., राई 100 रु., त्रिफला 600 रु. तथा बड़ी इलायची 8,00 रु. प्रति किलो है.
गृहिणी की पसंद भिवापुर की मिर्ची
नागपुर से भंडारा में आने वाली मिर्ची का भंडारा जिले में भी अच्छा-खासा उत्पादन होता है. भिवापुर की मिर्ची की तो पूरे भंडारा जिले में मांग रहती है. लालमिर्ची नागपुर से भंडारा आयात की जाती है. नागपुर के काटन मार्केट के साथ-साथ अन्य बाजारों से भी मिर्ची भंडारा आती है.
बजट गडबड़ा गया : देव
मिर्ची-मसाले के संदर्भ में संध्या देव नामक गृहिणी ने बताया कि वैसे ही पेट्रोल-डीजल तथा रसाई गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ गए हैं, ऐसे में मिर्च मसाले के दाम बढ़ने से बजट गडबड़ा गया है.
जेब पर असर पड़ा : नागदेवे
गृहिणी मेघा साखरे ने बताया कि मिर्च-मसाले का दाम बढ़ने से सामान्य लोगों की जेब पर असर पड़ा है.
सब कुछ महंगा : मेश्राम
गृहिणी मंदा मेश्राम का कहना है कि सब कुछ महंगा है, उसमें मिर्च-मसाला के दाम भी बढ़े हुए ऐसे सामान्य जनता खाए तो क्या खाए. बिजली महंगी, रसोई गैस सिलेंडर महंगा, पेट्रोल-डीजल महंगा, सब्जी भी महंगी, मिर्च-मसाला के दाम बढ़ गए सब कुछ महंगा होने से आम लोगों की कमर टूट गयी है.