Bhandara Hospital

Loading

भंडारा. जिला सामान्य अस्पताल भंडारा में प्रसव के बाद डॉक्टरों द्वारा कथित तौर पर बरती गई लापरवाही से महिला की मौत होने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने सोमवार रात अस्पताल में मृतक के शव के सामने बैठ आंदोलन किया. मृतक भोसा टाकली निवासी प्रतीक्षा अनिकेत उके (22) है. चार दिन पहले प्रसूत होने के पश्चात सोमवार सुबह सिरियस होने का हवाला देकर आनन फानन में उसे मेयो अस्पताल नागपूर रेफर किया गया जहां पहुंचते ही प्रतीक्षा की मौत हो गई.

डॉक्टर पर लापरवाही बरतने और दोषियों पर कारवाई की मांग करते हुए देर रात तक आंदोलन चलने के बाद आखिरकार पुलिस प्रशासन और सिविल सर्जन डाॅ. दीपचंद सोयम के हस्तक्षेप से परिजनों ने शव को अस्पताल से हटाया. अस्पताल प्रशासन ने मामले में उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कमेटी बनाने का वादा किया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतीक्षा उके को उसके परिजनों ने 29 नवंबर को जिला सामान्य अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया था जिसके अगले दिन सिजेरियन शस्त्रक्रिया से प्रतीक्षा ने एक प्यारे से बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद इलाज के दौरान 3 दिसंबर को प्रतीक्षा की हालत अचानक बिगड़ गई. जैसे-जैसे समय बीतता गया, प्रतीक्षा की हालत नाजुक होती देख डॉक्टरों ने उन्हें सोमवार तड़के नागपुर के मेयो अस्पताल स्थानांतरित किया जहां इलाज के दौरान प्रतीक्षा की मौत हो गई. फिलहाल बच्चा जिला अस्पताल भंडारा में ही दाखिल है और उस पर उपचार शुरू हैं. परिजनों का आरोप था की प्रसव पश्चात डॉक्टर ने टांके ठीक से नहीं लगाए जिससे प्रतीक्षा की मौत हो गई. परिजनों का यह भी रोष था की जिला अस्पताल ने माँ के साथ बच्चे को भी नागपूर स्थानांतरित करने के लिए दबाव बनाया.

परिजन सोमवार रात 9 बजे के करीब शव को जिला सामान्य अस्पताल ले आए और दोषी डॉक्टरों पर तत्काल आपराधिक कार्रवाई कर मुआवजे की मांग की. शहर पुलिस की एक टीम ने मौके पर पहुंच गुस्सायी भीड़ को काबू किया. करीब 30 से 40 परिजनों की भीड़ मांग पूरी होने तक शव को गांव ले जाने को तैयार नहीं थी. आखिरकार पुलिस प्रशासन और जिला सिविल सर्जन डाॅ. दीपचंद सोयम की मध्यस्थता से यह वादा किया गया कि तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया जायेगा. पोस्टमार्टम व जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई का वादा किए जाने से परिजन संतुष्ट हुए. रात एक बजे जाकर मामला शांत हुआ.

प्रसव के बाद शिशु की मौत की जांच के लिए परिजनों की मांग पर निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. पोस्टमार्टम और जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोष साबित होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

डॉ. दीपचंद सोयाम (जिला सिविल सर्जन)