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    भंडारा. वर्ष 2021 ने जाने तथा 2022 के आने के बीच की कड़ी के रूप में शुरु हुए बेमौसम बरसात ने किसानों की आंखों से आंसू निकाल दिए. दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में ओला गिरने से फसलों के नुकसान के दर्द को अभी किसान भूल भी नहीं पाए थे कि नए वर्ष के पहले पखवाडे में मौसम ने इतना कहर बरपाया कि किसानों ने अपना माथा पीट लिया.

    तुमसर, मोहाडी, पवनी, लाखांदूर इन चार तहसीलों में बेमौसम वर्षा से भारी नुकसान पहुंचा है. प्रकृति के कोप के कारण खरीफ की फसल के धान, सोयाबीन, कपास तथा अन्य फसलें नष्ट हुई हैं. पवनी तहसील के 13 गांवों की 1008.3 हेक्टर खेती पर बेमौसम वर्षा का असर पड़ा है. 

    लाखांदूर तहसील के 10 गांवों की 254 हेक्टर फसल बेमौसम वर्षा की भेंट चढ़ गई है. इसी तरह तुमसर तहसील के एक गांव की 45 हेक्टर फसल प्रभावित हुई है. मोहाडी तहसील में 4 गांवों तो ओले गिरे थे, इस वजह से 35 हेक्टर फसल को नुकसान पहुंचा है. बेमौसम वर्षा, ओले तथा बदरीले वातावरण के कारण चना, गेहूं समेत सीजन की सभी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. बताया जा रहा है कि बेमौसम वर्षा के कारण लाखांदूर तहसील में 4934 हेक्टर फसल चौपट हो गई है. 

    दिसंबर माह में यहां हुई ओलावृष्टि के कारण तहसील की 254 हेक्टर क्षेत्र फसल नष्ट हुई थी. लाखांदूर तहसील में 1311 हेक्टर गेहूं, 3499 हेक्टर चना, 2268 हेक्टर लाखोरी, 2219हेक्टर उडद, 2183 हेक्टर मूंग तथा 2821 हेक्टर क्षेत्र में मटर की फसल उगायी जाती है. इस तरह लाखांदूर तहसील में 14,300 हेक्टर क्षेत्र में रबी की विभिन्न फसलें उगायी जाती हैं.