महाराष्ट्र: हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र (Maharashtra) के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) को एक बड़ा झटका लगा है। जी हां खबर आ रही है कि चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के आरोप में अब्दुल सत्तार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दरअसल यह चौंकने वाली जानकारी सिल्लोड कोर्ट की जांच से सामने आई है। जी हां इस जांच में पता चला कि मंत्री अब्दुल सत्तार ने 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी थी। आइए जानते है आखिर क्या है पूरा मामला…
यहां जानें क्या है मामला…
इस मामले के बारे में बताया जाता है कि अब्दुल सत्तार ने चुनाव आयोग को सौंपे जाने वाले हलफनामे में गलत या भ्रामक जानकारी दी है। 2014 के हलफनामे में ऐसा प्रतीत होता है कि जमीन का केवल एक टुकड़ा उनके द्वारा खरीदा गया है। 2019 के हलफनामे में उसी जमीन का अधिक मूल्य दिखाया गया। अदालती जांच के दौरान पाया गया कि ऐसी कुल 4 से 5 संपत्तियों के संबंध में दी गई जानकारी में विसंगति थी। इसलिए सिल्लोड कोर्ट ने इस मामले में मुकदमा चलाने का आदेश दिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में अब चुनाव के आगे इस तरह सत्तार को बड़ा झटका लगा है।
क्या जाएगी विधायकी
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सिल्लोड की एक अदालत ने बुधवार को सत्तार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया, जिनके विधायक बनने की संभावना है, यह स्वीकार करने के बाद कि चुनाव आयोग को सौंपे गए उनके हलफनामे में संपत्ति के संबंध में जानकारी में विसंगतियां थीं। अगर ये आरोप साबित हो गए तो अब्दुल सत्तार की विधायकी चली जाएगी और वे 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से भी अयोग्य हो जाएंगे।
किसने की शिकायत?
गौरतलब हो कि सिल्लोड के एक सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपल्ली द्वारा 2021 में एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जांच की। तब यह जानकारी सामने आई। जी हां महेश शंकरपल्ली और डॉ. अभिषेक हरिदास ने इस संबंध में 27 अक्टूबर 2021 को याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करने का आदेश दिया। लेकिन उस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर शंकरपल्ली ने दो बार अदालत का दरवाजा खटखटाया।
11 जुलाई को, जब अदालत ने तीसरी बार मामले-दर-मामले जांच का आदेश दिया, न्यायाधीश मीनाक्षी धनराज ने स्वीकार किया कि सत्तार के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत थे और आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इसी के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में अब महारष्ट्र की राजनीती में हड़कपन मच गया है।