Mahadev Jankar in Mahayuti

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मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में शरद पवार (Sharad Pawar) को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय समाज पार्टी के प्रमुख महादेव जानकर (Mahadev Jankar) शनिवार को महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) में शामिल हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एनसीपी नेता सुनील तटकरे मौजूद थे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि महादेव जानकर ने महायुति में रहने के लिए सहमति जताई है। हमने महायुति की एक लोकसभा सीट महादेव जानकर को देने का फैसला किया है। लोकसभा क्षेत्र के नाम की घोषणा उचित समय पर की जाएगी।

महायुति के साथ रहूँगा
महादेव जानकर ने कहा, “मैंने फिर से महायुति में रहने का फैसला किया है। महायुति के नेताओं ने हमें एक लोकसभा सीट देने का वादा किया है।” उन्होंने कहा, “मैं महाविकास अघाड़ी में शामिल नहीं हुआ था, हम सिर्फ चर्चा कर रहे थे। आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और अजीत पवार के साथ चर्चा के बाद मैंने महायुति के साथ रहने का फैसला किया है। जब तीनों पार्टियों के सीट बंटवारे की घोषणा होगी तभी हमारी सीट का भी पता चल जाएगा।”

पवार माढ़ा से जानकर को देने वाले थे उम्मीदवारी
गौरतलब हैं कि महादेव जानकर को शरद पवार ने माढ़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवारी देने का मन बनाया था। लेकिन महाविकास आघाडी में सीट बंटवारे को लेकर जारी झगडे के कारण महादेव जानकर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर पा रहे थे। इसी का फायदा अब महायुति ने उठाया। जानकर को माढ़ा लोकसभा सीट से ही उम्मीदवारी घोषित किया जा सकता है।

2.5 लाख मतों से जीतूंगा
कुछ दिन पहले जानकर ने दावा किया था कि शरद पवार उन्हें माढा से जीतने में मदद करें, जबकि वह बारामती से मौजूदा सांसद सुले को जीतने में मदद करेंगे। जानकर ने कहा था, “मैंने माढा से 2009 का लोकसभा चुनाव शरद पवार के खिलाफ लड़ा था और 98,743 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। मेरी पार्टी का माढा और बारामती में जनाधार है। मेरे कार्यकर्ता ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), ढांगर समुदायों से हैं और मैं 2.5 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करूंगा।”

जानकर ने सुप्रिया सुले के खिलाफ लड़ा था चुनाव
महादेव जानकर ने 2014 के चुनाव में बारामती लोकसभा क्षेत्र से सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तब जानकर को 4,51,843 वोट मिले थे, जबकि सुप्रिया सुले को 5,21,652 वोट मिले थे। दिलचस्प बात यह है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले को 2014 की तुलना में 3.36 लाख वोट ज्यादा थे।