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उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे

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मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid demolition) में शिवसेना (Shiv Sena) के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए।

ठाकरे ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब मस्जिद गिरायी जा रही थी तब चूहे अपने बिलों में छिपे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे को पाटिल के बयान को लेकर या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या पाटिल से इस्तीफा मांगना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी एक ट्वीट में पूछा कि क्या शिंदे पाटिल के दावे को स्वीकार करते हैं और यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के अनुयायी होने का दावा करने वाले (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले) शिवसेना धड़े के 40 विधायक अब क्या करेंगे।

राउत ने ट्वीट में कहा, ‘‘उन लोगों के खिलाफ आवाज कौन उठायेगा जिन्होंने बालासाहेब का अपमान किया।” एकनाथ शिंदे सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पाटिल ने सोमवार को कहा था कि जब छह दिसंबर, 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अयोध्या में मस्जिद ढहायी जा रही थी तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था।

उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यसभा सदस्य संजय राउत अक्सर बाबरी मस्जिद विध्वंस की चर्चा करते रहते हैं लेकिन क्या वह उस समय अयोध्या में थे। पाटिल ने मुख्यमंत्री शिंदे पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत चुराने के आरोप को लेकर उद्धव ठाकरे पर भी तंज किया। उन्होंने कहा ‘‘बालासाहेब सभी हिंदुओं के हैं और उनके नाम (विरासत) का उपयोग करने के लिए हर कोई स्वतंत्र है।” (एजेंसी)