कृपाल तुमाने-सुधाकर कोहले (डिजाइन फोटो)
कृपाल तुमाने-सुधाकर कोहले (डिजाइन फोटो)

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नागपुर: रामटेक लोकसभा सीट (Ramtek Lok Sabha Seat) आगामी चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए हॉट सीट हो गई है कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। दरअसल शिवसेना (Shiv Sena) और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के दो फाड़ होने के बाद इस सीट का समीकरण भी बदल गया है।  कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन फिर शिवसेना ने इस पर कब्जा जमाया।  वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव में शिवसेना के कृपाल तुमाने जीते। अब तीसरी बार इस सीट से सांसद बनने की उनकी प्रबल इच्छा है लेकिन गणित बदल गया है। 

शिवसेना में टूट के साथ ही वे सीएम एकनाथ शिंदे गुट में चले गए हैं।  कहा जा रहा है कि इससे शिवसेना की संगठित ताकत बंटकर 2 गुट में हो गई है।  इस सीट पर शिवसेना का साथ भाजपा देती आई है क्योंकि वह ताकतवर है।  अब भाजपा खेमे से शिगूफा छोड़ा जा रहा है कि क्यों न भाजपा का ही उम्मीदवार इस सीट पर खड़ा किया जाए, अब तो बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधाकर कोहले ने भी मीडिया में यह बात कह दी है कि रामटेक सीट का चुनाव कमल चिह्न पर लड़ा जाना चाहिए।  उनके वक्तव्य के बाद समझा जा रहा है कि बीजेपी इस पर दावा करने वाली है। 

कार्यकर्ताओं की है भावना  कोहले 

बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधाकर कोहले ने कहा कि पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता ने यह बीजेपी तय कर लिया है कि रामटेक सीट पर चुनाव तो कमल चिह्न पर ही लड़ा जाएगा। यह उनकी प्रबल भावना व इच्छा है।  कार्यकर्ता ही दावा कर रहे हैं कि कमल चिह्न की ही जीत होने वाली है।  कोहले ने कहा कि उम्मीदवार कौन होगा, यह तो राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ नेता तय करेंगे लेकिन यह निश्चित है कि रामटेक सीट का चुनाव कमल चिह्न पर ही लड़ा जाना है। 

क्या कमल चिह्न पर लड़ेंगे

यह तो झुठलाया नहीं जा सकता कि शिवसेना में टूट के बाद उसकी ताकत भी 2 हिस्सों में टूट गई है।  शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के साथ सच्चे शिवसैनिकों की सहानुभूति निश्चित तौर पर होगी।  अगर तुमाने एकनाथ शिंदे गुट से चुनाव लड़ते हैं तो यूबीटी समर्थक शिवसैनिकों का वोट उन्हें नहीं मिलने वाला।  पहले भी वे बीजेपी के कद्दावर नेता नितिन गडकरी व देवेन्द्र फडणवीस के सपोर्ट से ही जीतते आए हैं।  

राजनीतिक महकमे में तो यह भी चर्चा जोरों से चल रही है कि अगर बीजेपी ने यहां से दावा किया तो तीसरी बार सांसद बनने के लिए तुमाने पाला बदलकर कमल चिह्न पर चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि ऐसा हुआ तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना से बीजेपी के संबंधों पर असर पड़ेगा, इसलिए बीजेपी उम्मीदवारी के लिए दूसरा चेहरा उतारने की तैयारी में है, यह भी बताते चलें कि बीते चुनाव में तुमाने ने 5,94,827 वोट हासिल किए थे और कांग्रेस उम्मीदवार किशोर गजभिये को हराया था।  गजभिये को 4,68,738 वोट हासिल हुए थे। 

…तो बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर

अगर बीजेपी इस सीट से उम्मीदवार उतारती है और शिंदे शिवसेना इस सीट के बदले किसी और सीट पर समझौता कर लेती है तो रामटेक सीट पर बीजेपी व कांग्रेस में सीधी टक्कर होगी, बीजेपी की ओर से पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये, पूर्व विधायक सुधीर पारवे का नाम चल रहा है।  इसके साथ ही चर्चा यह है कि कांग्रेस के उमरेड विधायक राजू पारवे पर भी बीजेपी डोरे डालने का प्रयास कर रही है क्योंकि उन्हें साथ लाने में कामयाबी मिली तो फिर सीट निकालना आसान हो जाएगा। 

इधर कांग्रेस से सुनील केदार ने पूर्व जिप अध्यक्ष रश्मि वर्वे का नाम प्रस्तावित किया है।  किशोर गजभिये, कुणाल राऊत के नाम भी चल रहे हैं।  कांग्रेसी खेमे का तो मानना है कि अगर सिटिंग सांसद तुमाने उड़ी मारकर कमल चिह्न पर चुनाव लड़े भी तो इसका लाभ कांग्रेस को होगा और इस सीट पर उसकी वापसी हो जाएगी, कांग्रेस की मित्र दल शिवसेना यूबीटी इस सीट पर कमजोर हो गई है, इसलिए वह कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ सकती है।