
मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) थमी नहीं कि म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। कोरोना से ठीक होने के बाद कई लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। राज्य में ब्लैक फंगस ने अब तक आठ हजार के करीब लोगों को अपनी चपेट में लिया है, जबकि 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इसमें सबसे ज्यादा मौतें उपराजधानी नागपुर, पुणे और औरंगाबाद में हुई है। इस बात की जानकारी सोमवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दी।
कोरोना महामारी के बाद ब्लैक फंगस ने टेंशन बढ़ाया है। महाराष्ट्र अब ब्लैक फंगस का हॉटस्पॉट बन गया है। राज्य में ब्लैक फंगस के रोजाना सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में अब तक 7,999 मामले सामने आए हैं, जबकि 729 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 4,398 लोगों का इलाज चल रहा है।
शहर के लिहाज से देखा जाए तो नागपुर में अब तक ब्लैक फंगस के 1,296 मामले सामने आए है, जबकि 104 लोगों की मौत हो गई। दूसरा नंबर पर पुणे है। यहां अब तक 1,187 मामले सामने आए हैं और 90 मरीजों की जान गई है। तीसरे नंबर पर औरंगाबाद है, जहां 940 लोगों को ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में लिया है, जबकि 75 लोगों की जान ली है। मुंबई की बात करे तो यहां ब्लैक फंगस के कुल 483 मामले सामने आए हैं तो वहीं 45 लोगों की जान जा चुकी है।
Till now, there are 7,998 cases of Mucormycosis including 729 deaths in #Maharashtra. 4,398 patients are currently under treatment for the disease: State Health Department pic.twitter.com/HlbNSoHJkz
— ANI (@ANI) June 21, 2021
ब्लैक फंगस के लक्षण?
नाक में दिक्कत महसूस होना, सिरदर्द होना, चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस होना या वो सूज जाना, चेहरा सुन्न पड़ना, चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर सूजन आना, दांत हिलने लगना यह सब ब्लैक फंगस को पहचानने के लक्षण है। अगर ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
ब्लैक फंगस ने फेफड़े पर अटैक किया तो?
अगर ब्लैक फंगस ने फेफड़े पर अटैक किया तो आपको बुखार, सांस लेने में दिक्कत, कफ, खंखार में खून आना, सीने में दर्द और धुंधला दिखाई पड़ सकता है। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाइयों से इसका इलाज संभव है। साथ ही कुछ मौकों पर सर्जरी भी करनी पड़ती है। इसलिए अगर आपको डाइबिटीज है और कोरोना से संक्रमित हो गए हैं तो अपना ब्लड शुगर नियमित तौर पर चेक करते रहें और शुगर की दवाई बिल्कुल संभल कर लें।
कितना खतरनाक है ब्लैक फंगस? क्या है दवा?
यह वायरस यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है। इसके इलाज के लिए चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं। गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक इलाज चलता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्लैक फंगस से उत्पन्न होने वाले रोग म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के उपचार के लिए ‘एंफोटेरिसिन-बी’ दवा है।