राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ का कालीफित और धरना आंदोलन

    Loading

    चंद्रपुर. राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ श्रम मंत्रालय, भारत सरकार के साथ पंजीकृत है. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम महाराष्ट्र की ओर से राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ की राज्य शाखा निगम के कर्मचारियों, कर्मचारियों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए पिछले एक साल से गली-मोहल्लों में लड़ाई लड़ी जा रही है. और आगे भी लड़ी जाएगी.

    उसी के एक भाग के रूप में, राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ महाराष्ट्र राज्य शाखा और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम राज्य शाखा महाराष्ट्र की ओर से दो चरणों में 3 नवंबर 2021 से 9 नवंबर 2021 तक और 10 नवंबर 2021 को महाराष्ट्र के 36 जिलों में दो चरणों में आंदोलन का आयोजन किया है. उसी दिन जिलाधिश कार्यालय समक्ष धरना आंदेालन किया जा रहा है. 

    इस आंदोलन के दौरान महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम का तुरंत महाराष्ट्र राज्य सरकार में विलय करें. आत्महत्या करने वाले एसटी कर्मचारी के परिवार को तुरंत 50 लाख रुपये दें और परिवार के एक सदस्य को एक महीने के भीतर नौकरी देंने, एस.टी. निगम के कर्मचारियों के समाप्त हो चुके अनुबंध के साथ अगला अनुबंध जल्दी करें, अन्यायपूर्ण अनुशासन और आवेदन प्रणाली को तत्काल रद्द करें, कर्ज में डूबे एस.टी. निगम के कर्मचारियों का एसटी सहकारी बैंक का कर्ज माफ करें इन्हीं प्रमुख मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है. 

    2013 में देंवेंद्र फडणवीस ने एस.टी. कर्मचारियों की बैठक में आश्वासन दिया था कि अगर हमारी सत्ता महाराष्ट्र में आने पर एसटी निगम का राज्य सरकार में समावेश किया जायेगा. वर्ष 2014 से 2019 तक भाजपा व शिवसेना युति की सरकार सत्ता में रहने पर एसटी महामंडल का राज्य सरकार में समावेश क्या नही किया गया? उसी मान्यता प्राप्त एवं कार्य समिति ने 2016 में सीजन के दौरान बिना किसी हड़ताल की सूचना के 2 दिन की अवैध हड़ताल की थी.

    उसी तरह 2017 में 4 दिनों की हड़ताल का मंचन किया था, जब दोनों हड़तालों के दौरान भाजपा सरकार सत्ता में रहने पर कर्मचारीयेां पर कार्रवाई की थी. फिर अब भाजपा के विधायक एसटी कर्मचारीयों को अवैध रूप से हड़ताल करने के लिए मजबूर कर कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है. इस पर एस.टी. कर्मचारियों ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने और समीक्षा करने की आवश्यकता है. 

    राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ने एस.टी. निगम में कार्यरत कर्मचारीयों से अपील है कि बिना आत्महत्या किये साहसी एवं धैर्यवान बने रहें. एसटी निगम को राज्य सरकार में समाविष्ट करने हेतु व अन्य संवैधानिक न्याय, अधिकारी के लिए राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ट्रेड युनियन की एमएसआरटीसी विंग के साथ रहकर दोनो चरणों का कालीफित आंदोलन व जिलास्तरीय धरना आंदेालन को बडे पैमाने पर सफल करने हेतु आंदेालन में सहभागी होने का आह्वान राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अशोक तुमराम, प्रा. कविता चंदनखेड़े, मनोहर बांदरे, डॉ. गौतम नगराले, रामाराव धारने, के.एस. पडवेकर, आनंद गावंडे, डॉ. ज्योत्सना भागवत, किसन बावने, धनराज दुर्योधन, गिरीश चन्ने, धमू नगराले ने किया है.