Vijay Vadettiwar
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    • मानव-वन्यजीव संघर्ष के परिणाम – नागरिकों में भारी भय

    चंद्रपुर. वनों से भरपूर चंद्रपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में कई बाघ है. इसी के चलते चंद्रपुर जिले में दिनों दिन बाघों की संख्या बढ रही है. पर्यटन क्षेत्र को विकसित करते हुए मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचने के उपाय करना अत्यंत आवश्यक है. वहीं वन प्रशासन की लापरवाही के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष में जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है और कई बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं.

    दिन-ब-दिन जंगली जानवर मानव बस्तियों और खेतों में घूमने से किसान, आम नागरिक, राहगीरों और ट्रांसपोर्टरों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. इतना सब कुछ होने के बावजूद वन प्रशासन मानव जीवन की कीमत को पैसों में मापने के अलावा कोई उपाय नहीं कर रहा है. राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने चेतावनी दी है कि अगर वन प्रशासन ने इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया और बाघों का तुरंत बंदोबस्त नहीं किया गया तो उन्हें भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.

    एक औद्योगिक जिले के रूप में दूर-दूर तक जाना जाने वाला, चंद्रपुर जिले की एक और विशेषता इसके घने जंगल और आरक्षित ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व है. पर्यटन की दृष्टि से ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व को वन प्रशासन की ओर से काफी बढ़ावा मिल रहा है. लेकिन वन प्रशासन मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने में असमर्थ है. चंद्रपुर जिले में हर दिन नागरिक, किसान, स्कूली बच्चे, मजदूर जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं, लेकिन वन प्रशासन सोता नजर आ रहा है.

    जिले में परिवहन मार्गों, मानव बस्तियों व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जंगली जानवरों ने भारी मात्रा में आतंक मचा रखा है. आज मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण खरीफ सीजन समाप्त होते ही रबी सीजन की योजना बना रहे किसान और खेतिहर मजदूर बाघों के हमलों की बढ़ती घटनाओं और किसानों की खेती से अपना मुंह मोड़ चुके हैं. सावली तहसील और जिले के अन्य तहसील में इस वजह से खेती बंजर होने के मार्ग पर है. जिले के ब्रम्हपुरी, सिंदेवाही, सावली, मूल और अन्य तहसील में भी मानव-वन्यजीव संघर्ष छिड़ गया है. लेकिन वन प्रशासन नागरिकों के पीड़ितों को दर्ज करने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है.

    ऐसी भयावह स्थिति में ब्रम्हपुरी विधानसभा क्षेत्र के ब्रम्हपुरी, सावली, सिंदेवाही आदि तहसील के जंगल से सटे गांवों में शाम से रात तक सफर करना बेहद खतरनाक और जानलेवा हो गया है और ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जागरूक होने की आवश्यकता है और वन्य जीवों की रक्षा की जानी चाहिए.

    मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण होने वाले जीवन के नुकसान को रोकने के लिए जिले के नागरिकों की जान को धोका ना हो इसलिए आदमखोर बाघ को पिंजरे में बंद करने हेतु जंगल परिसर में पिंजरे लगाना, बड़े पैमाने पर गश्त लगाना, गांव के पास पेड़ों को साफ करना, ट्रैप कैमरे लगाना, गाँव के पास सोलर लाइट लगाना, बाघों से निपटने के लिए तत्काल उपाय करना ऐसे विभीन्न उपाययोजना कर बाघ का तत्काल बंदोबस्त करना आवश्यक है. अन्यथा जिले में किसी भी प्रकार का मानव वन्यजीव संघर्ष में किसी भी प्रकार की जीवित हानी होती है तो संबंधित वनविभाग के कार्यालय में शव को रखकर आंदोलन करने का इशारा राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस नेता विधायक विजय वडेट्टीवार ने दिया है.