CM Shinde
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)

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मुंबई: महाराष्ट्र में लोकसभा सीट को लेकर अभी बीजेपी और शिव सेना शिंदे गुट में सीट बंटवारा नहीं हुआ है। वहीं ठाणे लोकसभा सीट सीएम एकनाथ शिंदे को मिलना लगभग तय है। ठाणे शिंदे का गृह क्षेत्र भी है। शिंदे के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी है, लेकिन इस सीट के लिए कोई दमदार, जिताऊ और उचित उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। इस वजह से सीएम शिंदे शिवसेना में बेचैनी बरकार है।

उम्मीदवारों पर एकमत नहीं है शिंदे गुट

ठाणे लोकसभा सीट पर धनुष- बाण यानी शिंदे शिवसेना की दावेदारी को लेकर मीरा- भाइदर बीजेपी में नाराजगी है। पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता और उनके समर्थकों ने चेतावनी दी है कि शिंदे शिवसेना के लिए वे काम नहीं करेंगे। चर्चा ये भी है कि गणेश नाईक पर दांव लगा सकते हैं। संभावना ये भी है कि ठाणे से मीरा- भाइदर, नवी मुंबई से एरोली और बेलापुर तक अच्छा पहचान बनाने वाले गणेश नाईक के बेटे और पूर्व सांसद संजीव नाईक को शिंदे उतार सकते हैं। अब मुसीबत यहां ये है कि संजीव नाईक के नाम पर शिंदे शिवसेना एकमत नहीं है।

शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह पर बीजेपी उम्मीदवार

एक चर्चा ये भी है कि धनुष- बाण चिन्ह पर बीजेपी का कोई नेता ठाणे सीट से उतर सकता है। इस चर्चा से परेशान नवी मुंबई शिंदे शिवसेना के पदाधिकारियों ने शिंदे शिवसेना प्रमुख विजय चौगुले के साथ पांच दिन पहले सीएम शिंदे ने मुलाकात की और उनसे दूसरे पार्टी के नेता को उम्मीदवार न उतारने का आग्रह किया है। ऐसे में अब यह ठाणे सीट सीएम के गले की हड्डी बनते नजर आ रही है।

ठाणे में बीजेपी की भी पकड़

ठाणे लोकसभा सीट के अंर्तगत कुल 6 विधानसभा सीट है। इन 6 सीटों में 4 विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की जबकि दो सीट शिंदे शिवसेना ने, जिसमें से एक कोपरी-पचपखड़ी विधानसभा सीट से सीएम शिंदे ही विधायक हैं। ऐसे में ठाणे सीट से बीजेपी का नेता शिंदे शिवसेना के चुनाव चिन्ह से मैदान में उतारा भी जा सकता है। जो कि सीएम शिंदे ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे। दूसरी ओर अगर शिंदे ने नाइक परिवार के किसी व्यक्ति को उम्मीदवारा बनाया तो नवी मुंबई में विद्रोह हो जाएगा। हालांकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एक नाथ शिंदे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

ठाणे सीट पर किसका रहा वर्चस्व

साल 1977 से ठाणे लोकसभा सीट पर नजर डालें तो इस सीट से सबसे ज्यादा बार शिव सेना के उम्मीदवार ने चुनाव जीता है। हालांकि तब शिव सेना दो गुट में नहीं थी। इस सीट पर शिव सेना पहली बार 1996 में जीती और 2008 तक इस सीट पर काबिज रही। 2009 में शरद पवार की एनसीपी जीती। इसके बाद शिव सेना इस सीट पर एक बार फिर से वापसी की। 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।

बीजेपी समर्थित शिवसेना शिंदे गुट की सरकार है

बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। देश में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे अधिक लोकसभा सीट वाला राज्य महाराष्ट्र है। वर्तमान में महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित शिवसेना शिंदे गुट की सरकार है। महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे ज्यादा विधानसभा सदस्य बीजेपी के हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव इस बार दिलचस्प होने वाला है।

पिछली लोकसभा चुनाव की बाद से बदली महाराष्ट्र की राजनीति

2019 लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र के राजनीति में काफी भूचाल आया। शिवसेना के दो हिस्से हो गए। एनसीपी में भी चाचा- भतीजे में मनमुटाव हुआ तो इसके भी दो फाड़ हो गए। अजीत पवार सत्ता सरकार में विलय हो गए और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन बैठे। लोकसभा चुनाव 2024 में इन पार्टियों के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इससे वोटर्स के रूझान के बारे में पता चलेगा। जाे कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी काम आएगा।