Gadchiroli News

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आरमोरी. तहसील के किसान रबी सत्र में बड़े पैमाने पर सैकड़ों हेक्टेयर खेत में धान फसल लगाते है. ऐसे में तहसील के किसानों के लिये एकमात्र जलस्त्रोत के रूप में इडियाड़ोह धरण है. किंतु फसलों को आवश्यकता नुसार पानी नहीं मिलने से किसानों के धान फसल संकट में पड़ गये है. जिससे प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए इटियाड़ोह प्रकल्प का पानी छोडऩे की मांग को लेकर तहसील के 300 किसानों ने इटियाडोह प्रकल्प कार्यालय व तहसील कार्यालय पर दस्तक दी है. 

 आरमोरी तहसील के अंतरजी, अरसोड़ा, कासवी, आष्टी, रवी, मुल्लुरचक आदि गांवों के समेत तहसील के विभिन्न गांवों के रबी सत्र में ग्रीष्मकालीन धान व अन्य फसल लगाते है. जिले के लिये इटियाडोह प्रकल्प का 40 फिसदी पानी का कोटा होते हुए भी आखरी छोर पर बसे किसानों को पानी नहीं मिलने से कुछ किसानों के धान फसल सूखने के कगार पर आ गये है. इधर फसलों के लिये इटियाडोह प्रकल्प से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण किसानों के प्रति तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.

आखिरकार गुस्साए तहसील के 300 किसानों ने  सोमवार को आरमोरी के इटियाड़ोह कार्यालय पर दस्तक दी. लेकिन अधिकारी उपस्थित नहीं होने के कारण किसानों ने अपना मोर्चा तहसील कार्यालय पर   ले गये. मुरझाए फसलों का अधिकारी खेतों में पहुंचकर मुआयना करे, फसलों को पानी न देने पर इटियाड़ोह प्रकल्प नुकसानग्रस्त फसलों का मुआवजा दे, आरमोरी तहसील के किसानों के साथ भेदभाव करनेवाले इटियाडोह प्रकल्प कार्यालय वड़सा के उपकार्यकारी अभियंता मेंढ़े का निलंबित करने आदि मांग गुस्साए किसानों ने की.

इस समय नायब तहसीलदार दोनाड़कर ने इटियाडोह पाटबंधारे विभाग के अधिक्षक अभियंता पराते व कार्यकारी अभियंता राजीव कुरेवार से मोबाईल पर संपर्क कर पानी का रेंज बढ़ाने की मांग की. आंदोलन में कासवी के पूर्व उपसरपंच प्रविण रहाटे, निलकंठ सेलोकर, मनोहर गोन्नाड़े, सिताराम गुरनुले, एकनाथ धकाते, अजय वाटगुरे, कांजीलाल वझाड़े, अशोक भोयर, ज्ञानदेव ठवरे आदि समेत तहसील के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे. आंदोलन के दौरान आरमोरी पुलिस द्वारा तगड़ा बंदोबस्त रखा गया था.

आवश्यकता 50 क्युसेस की लेनिक आपुर्ति 12 क्युसेस 

आरमोरी तहसील के किसानों को इटियाडोह का पानी लागु होने से तहसील के आखरी छोर पर बसे किसानों को पहले प्राथमिकता देना आवश्यक है. लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण फसले मुरझाने लगी है. आरमोरी तहसील के इटियाडोह प्रकल्प से 45 से 50 क्युसेस पानी देने की आवश्यकता होते हुए भी केवल 10 से 12 क्युसेस पानी दिया जाता है. जिससे तहसील के किसानों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है.

भेदभाव करनेवाले अभियंता पर कार्रवाई करें 

किसानों के धान समेत अन्य फसल पानी के अभाव में मुरझाने के कगार पर आ गये है. जिससे किसान अनेक बार इटियाड़ोह प्रशासन से पानी की मांग कर रहे है. लेकिन वहां के अधिकारी तकनिकी कारण बताकर समय बढ़ा रहे है. जिसका नतिजा किसानों के फसल तनस में तब्दिल होने की संभावना है. वडसा इटियाडोह कार्यालय के उपकार्यकारी अभियंता मेंढ़े द्वारा किसानों को पानी नहीं दिये जाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, अन्यथा तीव्र आंदोलन छेडऩे की चेतावनी किसानों ने दी है.